पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की घटक नेशनल कांफ्रेंस ने पीडीपी के पास कश्मीर की सभी तीन लोकसभा सीट पर उम्मीदवार खड़े करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने हाल में एलान किया था कि वह सभी तीनों सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। नेशनल कांफ्रेंस ने ‘इंडिया’ में हुए सीट बंटवारे के तहत जम्मू की दो सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दीं।
महबूबा ने कहा- एकजुटता की सख्त जरूरत है
मुफ्ती ने कहा कि ‘उन्होंने (नेशनल कांफ्रेंस ने) हमारे लिए उम्मीदवार खड़ा करने और चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। पार्टी का संसदीय बोर्ड उम्मीदवारों पर कुछ दिनों में अंतिम फैसला करेगा। केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के बाद यहां राजनीतिक दलों के लिए एकजुट रहना वक्त की मांग है।
राज्य में गठबंधन के सहयोगी के रवैये से दुखी
उन्होंने कहा कि युवा जेलों में हैं, हम अपनी आवाज नहीं उठा सकते, यहां तक कि कर्मचारियों के परिवार वाले भी कुछ नहीं कह सकते। यहां दमन का माहौल है। इसलिए ऐसे माहौल में हमारा एकजुट होना जरूरी है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व का रवैया निराशाजनक और आहत करने वाला है।
जब मुंबई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक हुई, तो मैंने वहां कहा कि चूंकि (नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष) फारूक अब्दुल्ला हमारे वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए वह (सीट बंटवारे पर) फैसला करेंगे और इंसाफ करेंगे। मुझे उम्मीद थी कि वह पार्टी हितों को एक तरफ रख देंगे। लेकिन नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर में सभी तीन सीट पर चुनाव लड़ने का एकतरफा फैसला लिया।
मुफ्ती ने कहा कि अगर नेशनल कांफ्रेंस ने उनसे संपर्क किया होता और फैसले का एलान करने से पहले पीडीपी से सलाह-मशविरा किया होता, तो उनकी पार्टी कश्मीर के व्यापक हित में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला कर सकती थी। उन्होंने कहा कि लेकिन, जिस तरह उमर अब्दुल्ला ने हमें भरोसे में लिए बिना फैसले का एलान किया और यह कहा कि पीडीपी के पास कोई कार्यकर्ता या समर्थन नहीं है, इसलिए उन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी, इससे मेरे कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची और उनका दिल टूट गया।