Sultanpur Lok Sabha Chunav Result 2024: उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी की उम्मीदवार मेनका गांधी चुनाव हार गई हैं। इस सीट पर मेनका गांधी का मुकाबला समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद से था। रामभुआल ने मेनका गांधी को 43174 वोटों के अंतर से हरा दिया है। इस सीट पर 25 मई को छठे चरण के तहत वोट डाले गए थे। रामभुआल निषाद को कुल 444330 प्राप्त हुए जबकि मेनका गांधी को 401156 मिले।

सुल्तानपुर लोकसभा सीट परिणाम 2024

उम्मीदवारपार्टीवोट प्राप्तिहार/जीत का मार्जिन
रामभुआल निषादसमाजवादी पार्टी44433043174
मेनका गांधीबीजेपी40115643174

2019 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर का परिणाम (Sultanpur Lok Sabha Elections Result)

उम्मीदवारदलमत
मेनका गांधीबीजेपी4,59,196
चंद्रभद्र सिंहबसपा4,44,670
डॉ. संजय सिंहकांग्रेस41,681
2019 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर का परिणाम (Sultanpur Lok Sabha Elections Result)

सुल्तानपुर लोकसभा सीट भी गांधी परिवार की वजह से जानी जाती है। पिछले दो चुनाव से गांधी परिवार सुल्तानपुर सीट से जीत रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। उन्होंने बसपा प्रत्याशी चंद्र भद्र सिंह को हराया था।

कांग्रेस ने संजय सिंह को मैदान में उतारा था। चुनाव में मेनका को कुल 459,196 वोट मिले थे। जबकि चंद्रभद्र सिंह को 4,44,670 वोट आए थे। कांटेदार मुकाबले में मेनका ने महज 14,526 मतों के अंतर से यह जीत अपने नाम की थी।

2014 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर का परिणाम (Sultanpur Lok Sabha Elections Result)

उम्मीदवारदलमत
वरुण गांधीबीजेपी4,10,348
पवन पांडेबसपा2,31,446
शकील अहमदसपा2,28,144
अमीता सिंहकांग्रेस41,983
2014 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर का परिणाम (Sultanpur Lok Sabha Elections Result)

इससे पहले 2014 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर वरुण गांधी मैदान में उतरे थे। वरुण ने चुनाव में 4,10,348 वोट हासिल किए और बसपा के प्रत्याशी पवन पांडे को 1,78,902 मतों के अंतर से हराया था। सपा के टिकट पर मैदान में उतरे अतीक अहमद तीसरे स्थान पर रहे थे।

सुल्तानपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा

सुल्तानपुर सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी को मिली थी।

सुलतानपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस के कब्जे में हुआ करती थी, लेकिन अब बीजेपी ने अपनी पकड़ बना ली है। 1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत का खाता खोला था। अब यहां पर बीजेपी का कब्जा बना हुआ है।