Gorakhpur Lok Sabha Chunav Result 2024: गोरखपुर पूर्वांचल की सबसे प्रभावशाली लोकसभा सीट मानी जाती है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद पर अपना दांव लगाया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व सांसद रवि किशन को एक बार फिर से मैदान में उतारा था। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने इस मुकाबले को दिलचस्प बनाते हुए जावेद सिमनानी को टिकट दिया। सुबह से ही भाजपा प्रत्याशी और फेमस एक्टर रवि किशन आगे चल रहे हैं तो, वहीं सपा की काजल निशाद पीछे चल रही थीं। अंत में रवि किशन ने 103526 वोटों से सपा की काजल निषाद को हरा दिया।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
बीजेपी | रवि किशन | 585834 (103526 से जीते) |
सपा | काजल निषाद | 482308 |
बसपा | जावेद सिमनानी | 55781 |
गोरखपुर लोकसभा सीट पर एक नजर
गोरखपुर लोकसभा सीट अनारक्षित है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया हुआ है। इस चुनाव में भी बीजेपी विजयी रथ पर सवार होना चाहती है। इस बार यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाने से मुकाबला काफी रोचक हो गया है। अब बात करें समाजवादी पार्टी की तो यहां पर वह इंडिया गठबंधन की जीत को सुनिश्चित करने के लिए मैदान में उतरी है।
2019 में किसने मारी बाजी (Gorakhpur Lok Sabha Elections Result 2019)
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमाया था। गोरखुपुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रवि किशन शुक्ला 717122 वोट पाकर विजयी रथ पर सवार हुए। वह तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से यहां से जीते। रवि किशन को गोरखपुर के लोगों ने 60 फीसदी से ज्यादा वोट दिए। यहां से समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद 415458 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी 22972 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था। हालांकि, इस बार बीजेपी ने फिर से रवि किशन पर ही दांव लगाया है और समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
बीजेपी | रवि किशन शुक्ला | 717122 |
समाजवादी पार्टी | रामभुआल निषाद | 415458 |
कांग्रेस | मधुसूदन त्रिपाठी | 22972 |
साल 2014 में योगी आदित्यनाथ ने मारी बाजी (Gorakhpur Lok Sabha Elections Result 2014)
साल 2014 में भी गोरखपुर सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिला था। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान समय में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्वाचन हुआ था। उन्हें एनडीए ने उम्मीदवार बनाया था और सीएम ने 539127 वोट हासिल किए थे। उन्होंने राजमति निषाद को 312783 वोटों से करारी शिकस्त दी थी। उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी समाजवादी पार्टी थी। 2014 में कुल 54.67 फीसदी वोट डाले गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी ने परचम लहराया था।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
बीजेपी | योगी आदित्यनाथ | 539127 |
समाजवादी पार्टी | राजमति निषाद | 226344 |
गोरखपुर लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1951-52 में पहली बार लोकसभा इलेक्शन हुए। इसमें गोरखपुर दक्षिण से सिंहासन सिंह कांग्रेस पार्टी के सासंद चुने गए। बाद में यह सीट गोरखपुर लोकसभा सीट बनी। साल 1957 में गोरखपुर सीट से दो सांसद चुने गए। सिंहासन सिंह दूसरी बार सांसद बने और दूसरी सीट से कांग्रेस के महादेव प्रसाद चुनाव जीते। साल 1962 के आम चुनाव में गोरखनाथ मठ की एंट्री हुई। गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजय नाथ हिंदू महासभा के टिकट में मैदान में उतरे। लेकिन उनको 3260 वोटों की वजह से हार का मुंह देखना पड़ा। सिंहासन सिंह लगातार तीसरी बार विजयी रहे। साल 1967 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार दिग्विजय नाथ की जीत हुई। उन्होंने करीब 42 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव में जीत दर्ज की। साल 1969 में दिग्विजय नाथ का निधन हो गया।
इसके बाद इस सीट पर 1970 में उपचुनाव हुए। इसमें महंत ब्रह्मलीन अवैद्यनाथ ने निर्दलीय जीत दर्ज की। साल 1971 में कांग्रेस उम्मीदवार नरसिंह नारायण पांडेय ने जीत दर्ज की। साल 1977 में भारतीय लोकदल के हरिकेश बहादुर ने अपना परचम लहराया। इस चुनाव में अवैद्यनाथ चुनाव में नहीं उतरे थे। साल 1980 लोकसभा चुनाव में महंत अवैद्यनाथ ने फिर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हिंदू महासभा के टिकट पर अवैद्यनाथ ने दूसरी बार विजय पताका लहराया। साल 1991 और 1996 में अवैद्यनाथ ने फिर जीत दर्ज की। साल 1998 में महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी महंत योगी आदित्यनाथ ने जीत दर्ज की और वह लगातार यहां से पांच बार सांसद चुने गए।
जातीय समीकरण
एक समय था जब गोरखपुर और उसके आसपास की राजनीति ब्राह्मणों और ठाकुरों की जातिगत गोलबंदी के आधार पर चलती थी। लेकिन दलित और ओबीसी के उभार के बाद राजनीतिक समीकरण में बहुत अंतर आ गया है। इस क्षेत्र में पिछड़े और दलित वोटर्स की बहुलता बताई जाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर चार लाख से ज्यादा निषाद जाति के वोट हैं। करीब दो-दो लाख यादव और दलित वोटर्स हैं। इन सभी के अलावा डेढ़ लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में डेढ़ लाख ब्राह्मण,सवा लाख क्षत्रिय मतदाता हैं। वैश्य मतदाताओं की संख्या भी काफी अच्छी मानी जाती है।