Lok Sabha Election 2019: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कई बार कह चुकी हैं वह येल विश्वविद्यालय से पास आउट हैं और उनके पास डिग्री भी है, जबकि गुरुवार (11 अप्रैल, 2019) को उन्होंने आम चुनाव के लिए नामांकन भरा तो उसमें येल का जिक्र कहीं नहीं था। ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार ईरानी का हलफनामा बताता है कि वह स्तानक भी नहीं हैं। बता दें कि इस चुनाव में उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से है।
ईरानी के हलफनामे के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्होंने 1991 में 10वीं पास की थी, जबकि 1993 में 12वीं की परीक्षा दी थी। उन्होंने इसके अलावा सबसे उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले कॉलम में बताया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल- पत्राचार) विभाग से उन्होंने बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-1 किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह यह तीन वर्षीय पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर सकीं।
कहा जा रहा है कि ईरानी ने पहली बार माना है कि उन्होंने इस तीन वर्षीय डिग्री कोर्स को पूरा नहीं किया। दरअसल, ईरानी की शैक्षणिक योग्यता का मामला बहुत लंबे अरसे से विवादों में रहा है। दरअसल, 2004 से लेकर अब तक (2014 और 2019) के भरे उनके हलफमानों अलग-अलग जानकारी मुहैया कराते हैं, जो कि थोड़ा भ्रमित भी करते हैं। सुनिए, उस दौरान क्या बोली थीं स्मृतिः
For some strange reason, @smritiirani did not mention this degree from Yale in her nomination today. pic.twitter.com/81oFfxq11V
— Pratik Sinha (@free_thinker) April 11, 2019
2004 में दिल्ली के चांदनी चौक से उन्होंने नामांकन दाखिल किया था। तब दावा था कि उन्होंने 1996 में कॉरसपॉन्डेंस से बीए किया है। पर 2014 के चुनाव में भरा गया उनका हलफनामा बताता है कि वह 1994 में डीयू के एसओएल से बीकॉम पार्ट-1 तक पढ़ी हैं। हालांकि, तब उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके पास येल विवि की डिग्री भी है। यह बात उन्होंने एक टीवी चैनल से कैमरे पर भी पूरे यकीन के साथ कही थी।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस स्मृति की डिग्री और शैक्षणिक योग्यता को लेकर लंबे समय से सवाल उठाती रही है और बीजेपी को घेरती रही है। यही नहीं, 2015 में फ्रीलांस लेखक अहमद खान ने मंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पर ट्रायल कोर्ट में उसे खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि खान मंत्री को परेशान करना चाह रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।