Lok Sabha Election 2019: 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार करते हुए नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च 2014 को बिहार की धरती से ठीक उसी तरह का भाषण दिया था जिस तरह उन्होंने आज (3 मार्च, 2019) पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में दिया। पांच साल पहले भी मोदी ने कहा था, “मोदी कहता है मंहगाई रोको, वो कहते हैं कि मोदी को रोको।” रविवार (03 मार्च) को नरेंद्र मोदी ने फिर उसी शैली में कहा, “साथियों, वो कहते हैं आओ मिलकर मोदी को खत्म करें, मैं कहता हूं आओ एक होकर आतंकवाद खत्म करें।” पीएम ने आगे कहा, “वो कहते हैं आओ मिलकर मोदी को खत्म करें, मैं कहता हूं आओ मिलकर गरीबी को खत्म करें।” फिर पीएम ने कहा, “वो कहते हैं, आओ मिलकर मोदी को खत्म करें, मैं कहता हूं आओ एक होकर भ्रष्टाचार और कालेधन को खत्म करें।”
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने चुनावी भाषणों में इसी तरह जनता को संबोधित किया करती थीं। 1970 के दशक में इंदिरा गांधी देश की ताकतवर नेता थीं जिस तरह आज नरेंद्र मोदी हैं। उस वक्त तमाम विपक्ष के निशाने पर इंदिरा गांधी हुआ करती थीं, आज तमाम विपक्ष के निशाने पर नरेंद्र मोदी हैं। उस वक्त इंदिरा अपने भाषणों में कहती थीं, “मैं कहती हूं गरीबी हटाओ, वो कहते है इंदिरा को हटाओ।” हालांकि, इंदिरा का राजनीतिक जादू 1975 में तब खत्म होता दिखा जब उन्हें खुद देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी। हालांकि, 1980 के चुनावों में इंदिरा गांधी का कांग्रेस ने फिर जबर्दस्त वापसी की थी। उस वक्त इंदिरा गांधी पर विपक्षी तानाशाही के आरोप लगाते थे, आज मोदी पर भी विपक्षी डिक्टेटरशिप के आरोप लगाते हैं।
वो कहते हैं आओ मिलकर मोदी को खत्म करें,
मैं कहता हूं आओ एक होकर देश को सशक्त करें : पीएम मोदी #BiharWithModi pic.twitter.com/MwtQgLR52m
— BJP (@BJP4India) March 3, 2019
पीएम मोदी ने पटना की संकल्प रैली में विपक्षियों पर हमला बोलते हुए कहा कि जब हमारे देश की सेना आतंक को कुचलने में जुटी है। ऐसे समय में देश के भीतर ही कुछ लोग सेना का मनोबल तोड़ने में लगे हैं, जिससे दुश्मन के चेहरे खिल रहे हैं। जैसे इन्होने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाये थे, वैसे ही अब ये आतंकी ठिकानों पर हुए हवाई हमलों का सबूत मांगने लगे हैं। पीएम ने कहा, देश पर बुरी नज़र करने वालों के लिए आपका ये चौकीदार चौकन्ना है।” उन्होंने कहा कि अब नया हिंदुस्तान नई रीति और नई नीति के साथ आगे बढ़ रहा है। अब भारत अपने वीर जवानो के बलिदान पर चुप नहीं बैठता, चुन-चुन कर हिसाब लेता है।