Lok Sabha Election 2019: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने चुनाव के टिकट कटने के बाद ब्लॉग लिखकर चुप्पी तोड़ी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उस पर जवाब दिया। गुरुवार (चार अप्रैल, 2019) को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने सही मायने में बीजेपी के सार को पेश किया है। उन्होंने पार्टी को राह दिखाते हुए ‘देश पहले, फिर पार्टी और सबसे बाद में स्वयं’ का मंत्र दिया। मुझे बीजेपी कार्यकर्ता होने पर गर्व है। साथ ही इस बात पर भी फक्र है कि आडवाणी जी सरीखे महानुभव ने पार्टी को मजबूत बनाया।”
दरअसल, पार्टी ने इस बार उन्हें गुजरात के गांधी नगर से टिकट नहीं दिया। आडवाणी के बजाय बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चुनावी मैदान में उतारा गया है। आडवाणी ने पत्ता साफ होने के बाद चुप्पी साध ली थी, जबकि छह अप्रैल को पार्टी के स्थापना दिवस से पहले इसी बाबत एक लंबा-चौड़ा ब्लॉग लिखा।
मोदी सरकार का विरोध करने वाले राजनीतिक स्वरों को ‘राष्ट्र विरोधी’ करार देने के चलन को लेकर छिड़ी बहस के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता की हालिया टिप्पणी बेहद अहम मानी जा रही है। ‘नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट (राष्ट्र प्रथम, फिर पार्टी, स्वयं अंत में)’’ शीर्षक से अपने ब्लाग में आडवाणी ने कहा, ‘‘भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिये सम्मान है। अपनी स्थापना के समय से ही भाजपा ने राजनीतिक रूप से असहमत होने वालों को कभी ‘दुश्मन’ नहीं माना बल्कि प्रतिद्वंदी ही माना।’’
पीएम मोदी ने आडवाणी के ब्लॉग पर प्रतिक्रिया में यह ट्वीट किया-
आडवाणी ने लिखा, बीजेपी ने कभी भी अपने आलोचकों को दुश्मन या फिर देश-विरोधी नहीं करार दिया। उन्होंने आग यह भी कहा- मेरी इच्छा है कि हम सभी देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत बनाने के मकसद से आगे बढ़ें। चुनाव लोकतंत्र का पर्व होते हैं, यह बिल्कुल सच बात है। पर इसके साथ ही यह भारतीय लोकतंत्र के सभी भागीदारों के लिए आत्मनीरिक्षण का मौका भी होता है, जिसमें राजनीतिक दल, मीडिया, चुनाव प्रक्रिया को अंजाम देने नावे अधिकारी समेत अन्य संबंधित लोग होते हैं।