Lok Sabha Election 2019 के चरम पर पहुंचते ही जुबानी जंग भी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (28 मार्च) को मेरठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन पर चुटकी ली थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को ‘सराब’ बताया था। इस पर कांग्रेस ने पीएम मोदी की आलोचना की, वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए तंज कस दिया है।
ये था मोदी का ‘सराब’ वाला बयानः पीएम ने कहा था, ‘महामिलावट में भी कौन ज्यादा मिलावट करता है इसे लेकर स्पर्धा हो गई है। एक तरफ सपा-बसपा-आरएलडी है। इसे अलग तरीके से देखिए, सपा का स, आरएलडी का र और बसपा का ब मतलब ‘सराब’। अच्छी सेहत, उत्तर प्रदेश और देश के अच्छे भविष्य के लिए ‘सराब’ से बचना चाहिए कि नहीं बचना चाहिए? सपा-आरएलडी-बसपा ये सराब आपको बर्बाद कर देगी।’
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#WATCH: PM Narendra Modi says in Meerut, "Sapa (SP) ka 'sha', RLD ka 'Raa' aur Baspa (BSP) ka 'ba', matlab 'sharab'…Sapa, RLD, Baspa, ye 'sharab' aapko barbaad kar degi." pic.twitter.com/Sc7owbEO8p
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 28, 2019
आरजेडी ने भी कसा तंजः पीएम के बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी तंज कसा है। पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लालू प्रसाद यादव के अंदाज में तंज कसते हुए कहा, ‘पांच साल में स और श का अंतर नहीं सीखा। शाह का श, राजनाथ का र और बुड़बक बीजेपी का ब! बन गई शराबबंदी में धड़ल्ले से बिकती गुजराती शराब।’

अखिलेश ने यूं किया पलटवारः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला-सा सपना है जो बीजेपी पांच सालों से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।
मायावती ने भी दिया जवाबः बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, ‘पीएम मोदी ने मेरठ से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से कालाधन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपए देने और किसानों की आय दोगुनी करने आदि जनहित के मुद्दों का हिसाब-किताब दिए बिना ही वे मैदान छोड़ गए। चौकीदार क्या ईमानदार है? व्यक्तिगत, जातिगत और सांप्रदायिक द्वेष और घृणा की राजनीति करना बीजेपी एंड कंपनी की शोभा है जिसके लिए उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है। देशहित को सर्वोपरि मानकर ऐसी गरीब, लोकतंत्र और जनविरोधी सरकार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए बसपा-सपा-आरएलडी ने गठबंधन किया है।
कांग्रेस बोली- माफी मांगें मोदीः कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘सपा, बसपा और आरएलडी तीनों लोकतांत्रिक राजनीतिक दल हैं। लोकतांत्रिक पार्टियों को ऐसा कहना गलत है। इस बयान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माफी मांगें।’
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