लोकसभा चुनाव 2019 के खत्म होने में फिलहाल 2 चरण के मतदान बाकी हैं। 23 मई को नतीजे आने वाले हैं। हालांकि, ऐसा लगता है कि इससे काफी पहले ही विपक्ष को यह अंदाजा लग गया है कि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। शायद तभी इन पार्टियों ने चुनाव बाद के राजनीतिक सूरत-ए-हाल को लेकर अभी से बैठकें करनी शुरू कर दी हैं। सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी और सीपीआई नेता डी राजा ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं।
दिलचस्प बात यह है कि लेफ्ट अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने को लेकर नाराज बताया जा रहा था। इन पार्टियों ने राहुल और कांग्रेस पर निशाना भी साधा था। इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, विपक्षी पार्टियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि मंगलवार को जब वीपीपैट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो तो उनके कुछ सीनियर नेता भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हों। बता दें कि वीपीपैट में 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू सोमवार रात दिल्ली पहुंचने वाले थे। मंगलवार को दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से वह सलाह मशविरा कर सकते हैं। विपक्षी खेमे का आकलन है कि भले ही बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे लेकिन किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने जा रहा। इसी वजह से पार्टियां अभी से तैयारी में जुट गई हैं। हालांकि, बीजेपी को भरोसा है कि उसकी सीटें पिछली बार के मुकाबले ज्यादा आएंगी और पार्टी अपने दम पर सरकार बनाएगी। बीजेपी राष्ट्रवाद और पीएम नरेंद्र मोदी की छवि के सहारे अपनी सियासी नैया पार लगाने की कोशिश में लगी हुई है।