Lok Sabha Election 2019: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे हैं। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। रूपाणी ने यह बात राजकोट स्थित बाहुमली भवन चौक पर एक चुनावी सभा के दौरान संबोधित करते हुए कही।

रूपाणी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रौदा भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं। जबकि, यह कार्रवाई पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरोध में की गई थी।’’

National Hindi News, 3 April 2019 LIVE Updates: दिनभर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

विजय रूपाणी ने पूछा, ‘‘सैम पित्रौदा राहुल गांधी के गुरु हैं। वे बालाकोट में आतंकियों के कैंप तबाह होने के सबूत मांग रहे हैं। उन्होंने वही लाइन पकड़ रखी है, जो पाकिस्तान बोल रहा है। कांग्रेस के नेता इस तरह बात क्यों कर रहे हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के इन बयानों ने 2019 के लोकसभा चुनावों को भारत-पाकिस्तान के बीच चुनाव बना दिया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से कदम उठाए हैं, उससे पाकिस्तान को एहसास हो गया कि अगर मोदी 5 साल और प्रधानमंत्री बन गए तो उसकी स्थिति क्या होगी? इस वजह से पाकिस्तान चाहता है कि कांग्रेस जीत जाए और बीजेपी चुनाव हार जाए।’’

 

बता दें कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रौदा ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान कहा था, ‘‘अमेरिकी मीडिया ने बताया है कि बालाकोट में एयर स्ट्राइक के दौरान भारत अपने निशाने से चूक गया था। ऐसे में वे भारतीय वायु सेना के ऑपरेशन के बारे में जानना चाहते हैं।’’ सैम पित्रौदा ने कहा था कि कुछ लोगों द्वारा की गई इस कार्रवाई के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

जनसभा को संबोधित करते रूपाणी ने कहा, ‘‘कांग्रेस आरोप लगाती है कि 1999 में एयर इंडिया की फ्लाइट हाईजैक होने के बाद एनडीए सरकार ने 3 आतंकियों को रिहा कर दिया था। कांग्रेस नेता हम पर कंधार में तीन आतंकियों को रिहा करने का आरोप लगाते हैं। लेकिन ये लोग बताएं, 21 आतंकियों को साफ रास्ता किसने मुहैया कराया था, जिन्होंने बॉर्डर के उस पार से आकर कश्मीर में हजरतबल मस्जिद की घेराबंदी की थी।’’

विजय रूपाणी ने एक और घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सैय्यद की बेटी रुबैया 8 दिसंबर 1989 को किडनैप हो गई थी। उस वक्त कांग्रेस ने 11 आतंकियों को रिहा किया था। वहीं, कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की बेटी की किडनैपिंग के बाद 9 आतंकियों को छोड़ा गया था। जब गुलाम नबी आजाद के बहनोई को अगवा किया गया था तो आपने 15 आतंकियों को रिहा किया था। आपको इन सबका जवाब देना चाहिए।’’