Lok sabha elections 2019: सहारनपुर मंडल की बिजनौर लोकसभा सीट ऐसा चुनाव क्षेत्र है, जिसकी दो विधानसभा सीट पुरकाजी और मीरापुर सहारनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर जिले में हैं। हस्तिनापुर विधानसभा सीट मेरठ जिले में और बिजनौर व चांदपुर मुरादाबाद मंडल के जिला बिजनौर में हैं। इस सीट का दो बार परिसीमन हुआ है। आजादी के बाद से पहले चुनाव से लेकर 1971 तक यह सीट सामान्य रही और 1971, 1977, 1985, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनावों तक यह आरक्षित सीट रही। यह 2009 में भी सामान्य सीट रही थी। इस सीट से भारत के प्रखर वक्ता आर्य समाज के दिग्गज नेता प्रकाशवीर शास्त्री लोकसभा के 1962 के चुनाव में बतौर निदर्लीय चुने गए थे। चुनाव में उनकी मदद करने वाले आर्य समाज के आज के शीर्ष नेतृत्व में शामिल ठाकुर विक्रम सिंह बताते हैं कि प्रकाशवीर शास्त्री जब संसद में बोलते थे तो प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत पूरी संसद उन्हें ध्यानपूर्वक सुनती थी।
बिजनौर लोकसभा सीट से बाबू जगजीवन राम की पुत्री व लोकसभा की अध्यक्ष रहीं मीरा कुमार 1985 के लोकसभा उपचुनाव में बिजनौर से सांसद चुनी गई थीं। उन्होंने तब रामविलास पासवान और मायावती जैसे दिग्गज नेताओं को पराजित किया था। साल 1989 के लोकसभा चुनाव में जब वीपी सिंह की लहर चल रही थी तब बसपा सुप्रीमो मायावती यहां से सांसद चुनी गई थीं। साल 1991, 1996 में भाजपा के मंगलराम प्रेमी सांसद रहे यहां से। परिसीमन के बाद दूसरी बार सामान्य बनी बिजनौर लोकसभा सीट से 2009 में भाजपा के समर्थन से रालोद प्रत्याशी संजय सिंह गुर्जर जो उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे चौधरी नारायण सिंह के बेटे इस सीट से सांसद चुने गए थे।
भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह को सभी कार्यकर्ताओं के नाराजगी के बावजूद फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार उन्हें कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दिग्गज नेता नसीमुद्दीन सिद्दिकी और गठबंधन के बसपा उम्मीदवार मलूक नागर से कड़ी टक्कर मिल रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सपा उम्मीदवार शाहनवाज राणा को दो लाख वोटों के अंतर से हराया था। बसपा के मलूक नागर तीसरे स्थान पर रहे थे। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होना इस क्षेत्र की बड़ी समस्या है और किसान नाराज हैं।
कांग्रेस ने नसीमुद्दीन को मायावती की नाराजगी के बावजूद फरवरी, 2018 में कांग्रेस में शामिल किया था। इसी कारण मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने से परहेज किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी 8 अप्रैल को सिद्दिकी के समर्थन में बिजनौर पहुंचेंगे।
बिजनौर लोकसभा सीट पर 16 लाख 59 हजार 659 मतदाता हैं। इनमें 7 लाख 68 हजार 170 महिला वोटर हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 70 फीसद मतदान हुआ था। चुनाव की राजनीति के जानकार अनिल त्यागी बताते हैं कि इस क्षेत्र में किसान नाराज हैं। सिद्दिकी मायावती के साथ वर्षों रहे हैं। उन्हें यहां कुछ वर्गों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। बसपा उम्मीदवार मलूक नागर 2014 के लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे। अभिनेत्री जयाप्रदा पिछले चुनाव में रालोद के टिकट पर लड़ी थीं और कुछ हजार वोटों तक ही सिमट कर रह गई थीं।
पूर्व सांसद संजय सिंह के बड़े भाई सुनील चौहान कहते हैं कि इस बार बिजनौर में गठबंधन उम्मीदवार मलूक नागर को कुछ खास वर्गों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने अनुमान जताया कि इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। भाजपा नेतृत्व इस सीट को पुन: जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके समर्थन में चुनाव सभा को संबोधित कर चुके हैं। पहले चरण में 11 अप्रैल को बिजनौर सीट पर वोट डाले जाएंगे। प्रशासन ने इसकी पुख्ता व्यवस्था कर ली है।
अहम बात यह है कि बिजनौर लोकसभा की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है लेकिन इनमें से मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट के भाजपा विधायक और गुर्जर नेता अवतार सिंह भड़ाना पिछले दिनों भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। देखना है कि इस बार बिजनौर के मतदाता किसे अपना प्रतिनिधित्व चुनकर लोकसभा में भेजते हैं।