कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल करते हुए 135 सीटों पर कब्जा जमाया। इस जीत के बाद राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कांग्रेस को अगले 5 साल तक लोगों के दिल जीतने की सलाह दी। रविवार को अपनी पूर्व पार्टी को सलाह देते हुए सिब्बल ने राज्य में अगले पांच साल तक सच्चाई ईमानदारी के साथ और भेदभाव न करते हुए लोगों के दिल जीतने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री हारे, कांग्रेस जीत की हकदार- कपिल सिब्बल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ वापसी करते हुए कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दक्षिण भारत में उसके एकमात्र गढ़ से सत्ता से बाहर कर दिया है। कांग्रेस की इस जीत के बाद सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक चुनाव जीतना मुश्किल है। लोगों के दिल जीतना और भी ज्यादा मुश्किल है। अगले पांच साल तक सच्चाई, ईमानदारी के साथ और गैर-भेदभावपूर्ण होकर लोगों के दिल जीतें। इनमें से कुछ भी न होने के कारण भाजपा चुनाव हारी।”
इससे पहले चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने ट्वीट किया था, ‘‘प्रधानमंत्री हारे। कर्नाटक के लोग जीते। 40 प्रतिशत, केरल स्टोरी, विभाजनकारी राजनीति, अहंकार, झूठ को ना। कांग्रेस जीत की हकदार है।’’
विधायक दल के नेता के चयन के लिए कांग्रेस ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह, दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया। कर्नाटक में नवनिर्वाचित कांग्रेस के विधायक सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए रविवार शाम को बैठक करेंगे, जिसमें वे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी राय देंगे। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डी के शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं।
बैठक के लिए नवनिर्वाचित विधायकों को पहले ही बेंगलुरु आने का निर्देश दे दिया गया है। वहीं, सिद्धारमैया और शिवकुमार के आवास पर समर्थकों ने बैनर लगाए हैं जिसमें उन्हें कांग्रेस की जीत के लिए बधाई दी गयी है और उन्हें अगला मुख्यमंत्री बताया गया है। अगर जेडीएस से निलंबित होने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले सिद्धारमैया को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो यह मुख्यमंत्री के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल होगा। वह 2013-18 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। शिवकुमार उनके मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नव निर्वाचित विधायकों की राय ली जाएगी और जरूरत पड़ने पर अपने नेता के लिए वोट करने को भी कहा जा सकता है।