मध्य प्रदेश सहित 2 और राज्यों में वोटिंग हो चुकी है और 11 दिसंबर को जनता का फैसला सभी के सामने होगा। ऐसे में स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस कई बार चुनाव आयोग पर हमला कर चुकी है। आज (गुरुवार) कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश के 229 उम्मीदवारों के संग भोपाल में बैठक की। जिसमें उन्होंने मतगणना से जुड़ी बारीकियां बताई गईं। बैठक का आयोजन मानस भवन में हो रही बैठक में प्रत्याशियों को विधि विशेषज्ञ ट्रेनिंग दी गई। बैठक में कमलनाथ के साथ विवेक तन्खा भी शामिल रहे।
मोबाइल फोन करवा दिए बंद
इस बैठक में सबसे खास बात ये रही कि कमलनाथ ने बैठक शुरू करने के पहले ही सभी प्रत्याशियों के फोन बंद करवा दिए। जिसकी वजह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियोज को भी माना जा सकता है। बैठक में प्रत्याशियों को कई जिलों में हुई ईवीएम की गड़बड़ियों और मुख्य चुनाव आयुक्त को दी गई शिकायतों के मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया गया।
बैठक से कौन रहा गायब
बैठक में अरुण यादव, रामनिवास रावत, ओम पटेल और देवेन्द्र पटेल सहित कुछ और भी प्रत्याशी नहीं थे। हालांकि बैठक में अपनी अनुपस्थिति की बात उन्होंने पहले ही बता दी थी। उम्मीदवारों को स्पेशल ट्रेनिंग की मदद से बताया गया कि रिजल्ट के दिन सुरक्षा और सावधानी बरतनी है और कैसे गड़बड़ियों को पहचानना और रोकना है।
ईवीएम की सुरक्षा का उठाया मुद्दा
चुनाव के बाद से ही पूरे प्रदेश में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें कांग्रेस की ओर से हमला किया जा रहा है। ऐसे में इस मामले पर कांग्रेस चुनाव आयोग और हाईकोर्ट में अपनी शिकायत भी दर्ज करवा चुकी है। बता दे कि सागर में खुरई की ईवीएम 48 घंटे बाद जमा हुई थी जिसकी वजह से वहां के रिटर्निंग ऑफिसर को हटा दिया गया है। वहीं भोपाल में पीएचक्यू के मेस में डाक मतपत्र मिलने पर आयोग ने एसएसआई तीन के खिलाफ कार्रवाई की है। इसके अलावा भोपाल में ही पुरानी जेल को स्ट्रांट रूम बनाया गया है। यहां पर भी सीसीटीवी कैमरे बंद होने का मामला सामने आया था। जिस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। इन सब के अलावा कांग्रेस ने सतना, सागर, खरगोन सबकि कई जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही है।
CM बनने के सवाल पर दिया जवाब
इस बैठक में मीडिया के एक सवाल को इग्नोर करते नजर आए कमलनाथ। दरअसल मीडिया की तरफ से कमलनाथ को सवाल आया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो क्या कमलनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे। इस पर कमलनाथ ने पहले तो चुप्पी साधी और बाद में कहा कि समय आने दीजिए,तय हो जाएगा। गौरतलब है कि इस सवाल पर कमलनाथ ने न ही इनकार किया और न ही हामी भरी।
5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के आखिरी चरण में 7 दिसंबर को तेलंगाना और राजस्थान में वोटिंग होगी। देश की दोनों ही बड़ी पार्टियों ने राजस्थान के प्रचार प्रसार में अपना पूरा दमखम लगा दिया। बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां 12 सभाएं की, जो कि पाचों राज्यों में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा मोदी ने मध्य प्रदेश में दस, छत्तीसगढ़ में चार, तेलंगाना में पांच और मिजोरम में एक रैली की। गौरतलब है कि कुल मिलाकर इन पांचो राज्य में 679 सीटें हैं, हालांकि चुनाव इन में से 678 पर ही होगा। गौरतलब है कि 199 सीटों के लिए राजस्थान में कुल 2274 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिसमें से भाजपा ने 200 प्रत्याशी, कांग्रेस ने 195, बसपा ने 190, आम आदमी पार्टी ने 142, भावापा ने 63, रालोपा ने 58 और अरापा ने 61 कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं। बता दें प्रदेश में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 11 दिसंबर को नतीजे सबके सामने होंगे।