कैराना लोकसभा उपचुनावों में हार मिलने के बावजूद भाजपा नेता कांग्रेस पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। कैराना चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने विपक्षी पार्टी को चीयरलीडर तक बता दिया। कैराना में हार पर प्रतिक्रिया देते हुए पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस आज दूसरी पार्टी के लिए चीयर लीडिंग और ताली बजाने का काम कर रही है। कांग्रेस खुद राजनीति के मध्य में और धुरी में नजर नहीं आ रही है। ऐसे में कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करने की ज्यादा जरूरत है।’ गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हार मिलने के बाद भाजपा कैराना उपचुनाव में पूरी तैयारी और रणनीति के साथ उतरी थी। पार्टी ने अपने दिवंगत सांसद की बेटी को चुनाव मैदान में उतारा था। दूसरी तरफ, पूरा विपक्ष भाजपा के खिलाफ लामबंद हो गया था। राष्ट्रीय लोकदल ने तबस्सुम हसन को अपना प्रत्याशी बनाया था। तबस्सुम को सपा, बसपा और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। तीनों बड़ी पार्टियों ने चुनाव मैदान में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था।
Congress aaj dusri parties ke liye cheer leading aur taali bajaane ka kaam kar rahi hai. Congress khud politics ke madhya mein aur dhuri mein nazar nahi aa rahi hai. Aise mein, congress ko zyada introspect karna chahiye: Sambit Patra, BJP on #BypollResults2018 pic.twitter.com/M0r4Mwlg7Z
— ANI (@ANI) May 31, 2018
कैराना उपचुनाव भाजपा के साथ विपक्षी दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। उनके सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में देश भर में लगातार पैर पसार रही भाजपा को रोकने की चुनौती थी। ऐसे में कैराना में भाजपा और विपक्षी एकता दोनों की परीक्षा होनी थी, जिसमें विपक्षी दलों की एकजुटता ने बाजी मार ली। विपक्षी दलों की संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को 44 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया। ऐसे में विपक्षी एकता को वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनावों में भी आजमाया जा सकता है। गोरखपुर, फूलपुर और कर्नाटक के बाद अब कैराना उपचुनाव में भी विपक्षी एकजुटता को मिली सफलता भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। कैराना उपचुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद चुनाव प्रचार किया था। इसके अलावा अन्य नेताओं ने भी प्रचार अभियान में हिस्सा लिया था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के पक्ष में मतदान करने की अपील भी की थी, लेकिन लोगों पर इसका असर निर्णायक तरीके से नहीं हुआ। कैराना में हार मिलने के बाद अब योगी आदित्यनाथ भी आलोचना के केंद्र में आ गए हैं।