लोकसभा चुनाव की गर्मी बढ़ती जा रही है, जैसे-जैसे चरण दर चरण चुनाव आगे बढ़ रहा है, दावों का खेल भी शुरू हो चुका है। पहले तो सिर्फ जनता से वादे किए जाते थे, लेकिन अब दावे करना भी शुरू हो चुका है। हैरानी की बात ये है कि कोई भी पार्टी अपने लिए दावे नहीं कर रही, लेकिन दूसरों को लेकर सटीक भविष्यवाणी करने का भरोसा है। इसी कड़ी में इंडिया गठबंधन के कई नेता इस समय एनडीए का एग्सिट पोल कर रहे हैं। हर कोई बता रहा है कि एनडीए को इस चुनाव में कितनी सीटें मिलने वाली हैं।
विपक्ष खेल रहा प्रिडिक्शन-प्रिडिक्शन!
राहुल गांधी से लेकर तेजस्वी यादव तक, अखिलेश यादव से अरविंद केजरीवाल तक, ममता बनर्जी से लालू तक, सभी ने अपना एग्जिट पोल जारी कर दिया है। कोई इस समय एनडीए को 100 सीटें भी देने को तैयार नहीं है तो कोई 230 सीटें तक देता दिख रहा है।
नेता | NDA सीटें |
अरविंद केजरीवाल | 220-230 |
राहुल गांधी | 150 |
लालू यादव | 200 से कम |
ममता बनर्जी | 200 से कम |
शशि थरूर | 300 से कम |
संजय राउत | 200 |
तेजस्वी यादव | 100 |
कहीं मोदी की चाल में तो नहीं फंसा इंडिया?
अब ये जो आंकड़े विपक्षी नेता जारी कर रहे हैं, वो सिर्फ एनडीए को लेकर हैं। जानकार मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ऐसी ही स्थिति बनाना चाहते थे जहां पर दूसरे मुद्दों पर चर्चा ना हो और सारा फोकस इस बात पर शिफ्ट हो जाए कि बीजेपी को कितनी सीटें मिलने वाली हैं। ये अलग बात है कि जब कुछ चरणों के चुनाव के बाद बीजेपी खुद 400 पार का नारा ज्यादा बार नहीं दे रही है। कम होती वोटिंग ने देश की सबसे बड़ी पार्टी को भी परेशान किया है, उसे महसूस होने लगा है कि जमीन पर समीकरण उसके खिलाफ भी जा रहे हैं।
400 पार नारे की बदली परिभाषा
वैसे अब पीएम मोदी कह रहे हैं कि उन्हें 400 से ज्यादा सीटें संविधान बचाने के लिए चाहिए, उन्हें आरक्षण सुरक्षित रखने के लिए इतनी सीटों की दरकार है। ये भी पीएम मोदी को इसलिए बोलना पड़ा है क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी 400 सीटें सिर्फ और सिर्फ संविधान बदलने के लिए मांग रही है, वो आरक्षण खत्म करना चाहती है। उसी नेरेटिव को खत्म करने के लिए अब थोड़ा सा नारा बदल दिया गया है।
वैसे तीन चरणों के बाद अब कल यानी कि 13 मई को 96 सीटों पर चौथे चरण का मतदान भी होने जा रहा है। दोनों तरफ से दावे बड़े हो रहे हैं, अमित शाह कह रहे हैं कि इस चरण के बाद बीजेपी बहुमत पार कर जाएगी, इंडिया वाले कह रहे हैं कि इस चरण के बाद बीजेपी का सफाया हो जाएगा। अब किसके दावों में कितना दम रहता है, 4 जून को ये साफ हो जाएगा।