युवा और महिलाओं मतदाताओं के जरिये इस बार के राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी अपनी चुनाव वैतरणी पार करने के लिए जुट गई हैं। इन पार्टियों ने अपनी-अपनी योजनाओं के जरिये राजस्थान को एक गारंटी कवच देने की कोशिश की है। कांग्रेस ने भले ही अभी तक भले ही पूरे टिकट न बांटे हों, लेकिन ताजा चुनावी सर्वेक्षण पार्टी में उत्साह भर रहे हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक पार्टी ने सात गारंटी जारी की हैं। इन गारंटी का लाभ और जानकारी आम जनता के बीच पहुंचाई जा सके, इसके लिए जल्द ही एक गारंटी यात्रा शुरू होगी। गारंटी यात्रा हर जिले, गांव और कस्बे तक पहुंचेगी। इस कार्य के लिए पार्टी ने सात प्रभारी और 30 समन्वयक नियुक्त किए हैं।

इन सभी को राज्य की सीटों के हिसाब से जिम्मेदारी दी गई है। इसमें सीपी जोशी उदयपुर, सचिन पायलट अजमेर, हरीश चौधरी जोधपुर, गोविंद राम मेघवाल बीकानेर, जितेंद्र सिंह जयपुर, मोहन प्रकाश भरतपुर और प्रमोद जैन को अंता की जिम्मेदारी दी गई है। ये तैनाती पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के आदेश पर की गई है।

पार्टी का मानना है कि गारंटी की जानकारी होने से प्रदेश के युवा, महिला और अन्य मतदाता अपने मताधिकार सुनिश्चित कर सकेंगे और इसका सीधा लाभ कांग्रेस पार्टी को होगा। ज्ञात हो कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अब तक तीन सूचियां जारी कर चुकी है। इनमें पार्टी ने अब तक विधायकों और पुराने नेताओं पर ही विश्वास जताया है। इस टिकट वितरण को सीधेतौर पर अशोक गहलोत खेमे की सफलता माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त पार्टी राजस्थान में बड़े चेहरों को भी पार्टी से जोड़ने पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में जल्द ही कुछ नेता पार्टी के मंच पर खड़े नजर आंएगे।

कांग्रेस की गारंटी योजना

कांग्रेस की गांरटी में परिवार की महिला मुखिया को दस हजार रुपए हर साल, युवाओं को पहले साल में सरकारी कालेज में लैपटाप, हर छात्र को अंग्रेजी माध्यम शिक्षा, महंगाई से लड़ने के लिए एक करोड़ से अधिक परिवारों को पांच सौ रुपए में गैस सिलेंडर इत्यादि शामिल हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी राज्य में इन गारंटी पर हमला तो बोल ही रही है। साथ ही अपनी योजनाओं से भी मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है।

हालांकि राज्य में प्रधानमंत्री को ही बड़ा चेहरा मानकर चुनाव लड़ा जा रहा है। पार्टी की तरफ से सीधे तोर पर युवाओं को जोड़ने के लिए नकल माफिया पर सीधे हमले बोले जा रहे है और राजस्थान में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को भी मुद्दा बनाया जा रहा है। भाजपा दावा कर रही है कि कांग्रेस के शासन काल में सात हजार से अधिक हत्याएं हुई है।

इसलिए जरूरी हैं युवा मतदाता

आयोग के आंकड़े के मुताबिक राजस्थान में कुल 5.26 करोड़ से अधिक मतदाता है। इन मतदाताओं में पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 22 लाख से अधिक है, जबकि 11.78 लाख से अधिक ऐसे भी मतदाता हैं, जो कि अपनी अस्सी वर्ष या इससे अधिक की आयु सीमा के है। 2018 में कांग्रेस को मिला मत फीसद केवल 39.3 फीसद था जबकि भाजपा का मत फीसद 38.8 फीसद था। पार्टियां इस मत फीसद को बढ़ाना चाहती हैं ताकि उन्हें इस बार के चुनाव में बढ़त मिल सके।