सुखबीर सिवाच

हरियाणा की दस लोकसभा सीट पर इस बार कुल 223 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें महिला उम्मीदवारों की भागीदारी महज सात फीसद के करीब है। मुख्यधारा की पार्टियों के उम्मीदवारों के रूप में कुल 16 महिला उम्मीदवार हैं। इनमें से पांच महिलाएं प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों से हैं और उनके लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय है। कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा सिरसा आरक्षित संसदीय सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वह वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद दिवंगत दलबीर सिंह की बेटी हैं। सैलजा खुद चार बार लोकसभा सांसद (दो बार सिरसा और दो बार अंबाला से) रही हैं। इस बार चौटाला परिवार की दो महिला सदस्य भी चुनाव मैदान में हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला हिसार से पार्टी की उम्मीदवार

जजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला हिसार से पार्टी की उम्मीदवार हैं। जबकि, उनकी भाभी सुनैना चौटाला उसी सीट से इंडियन नेशनल लोकदल की उम्मीदवार हैं। इनेलो महिला विंग की महासचिव सुनैना पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला के चचेरे भाई रवि चौटाला की पत्नी हैं। रवि पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे भाई प्रताप सिंह चौटाला के बेटे हैं। अंबाला से सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रतन लाल कटारिया की पत्नी बंटो कटारिया को मैदान में उतारा है। इसी सीट से जजपा ने पूर्व राज्य मंत्री व प्रमुख दलित नेता रहे दिवंगत कृपा राम पुनिया की बहू किरण पुनिया को टिकट दिया है।

1989 के चुनाव में राज्य में केवल तीन महिलाओं ने चुनाव लड़ा था

वैसे 11 लोकसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना की जाए तो इस बार हरियाणा में महिला उम्मीदवारों की संख्या अधिक है। इससे पहले 2009 के चुनाव में सर्वाधिक 14 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में थीं। जबकि 1989 के चुनाव में राज्य में केवल तीन महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा में महिला उम्मीदवारों की संख्या 11 थी। 2019 में सिरसा से भाजपा की उम्मीदवार पूर्व आइआरएस अधिकारी सुनीता दुग्गल एकमात्र महिला थीं, जिन्होंने चुनाव में जीेत दर्ज की थी।

2014 के आम चुनावों में राज्य में एक भी महिला उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो सकी थीं। 2009 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की बेटी श्रुति चौधरी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनी गई थीं। वह इस बार भी कांग्रेस के टिकट की प्रबल दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वफादार मौजूदा विधायक राव दान सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।