Haryana Election Result 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ‘अबकि बार 75 पार’ के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी। लेकिन बीजेपी इस बार बहुमत से दूर रह गई है। लेकिन बीजेपी को भरोसा है कि वह निर्दलीय विधायको के सहारे एक बार फिर से सत्ता में काबिज होने में सफल रहेगी। बीजेपी ने हरियाणा में 40 सीटें जीती हैं। वहीं, कांग्रेस के खाते में 31 और जेजेपी के पास 10 सीटें हैं। आइए जानते हैं हरियाणा के उन निर्दलीय विधायको को जो बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं।
गोपाल कांडा: हरियाणा के सिरसा से विधायक हैं तथा कांग्रेस की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। कांडा एमडीएल आर एयरलाईन्स के नाम से वे एक विमानन कंपनी भी चलाते हैं। इस कंपनी की एक कर्मचारी गीतिका की आत्महत्या के मामले में उसके ऊपर मुकदमा चल रहा है। उन्होने हरियाणा लोकहित पार्टी का भी गठन किया था।
Hindi News Today, 25 October 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
नीलोखेड़ी निर्दलीय विधायक: धर्मपाल सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत 2004 में दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा से प्रभावित होकर की थी। साहेब सिंह वर्मा के कहने पर ही धर्मपाल सिंह भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के टिकट से ही वह 2009 में नीलोखेड़ी विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार सामना करना पड़ा। इसके बाद भाजपा ने उन्हे पार्टी का 2010 में अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश सचिव बना दिया। इस पद पर वह 2015 तक बने रहे। धर्मपाल भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य भी रहे है। इसबार भी वह पार्टी के टिकट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनका टिकट कट गया, जिसके बाद वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर गए।
रंजीत सिंह चौटाला : बादशाहपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय राकेश दौलताबाद ने जीत दर्ज की है। वो इस सीट पर दूसरी बार निर्दलीय मैदान में उतरे थे। रानिया विधानसभा सीट पर निर्दलीय रंजीत सिंह ने जीत दर्ज की है। रंजीत सिंह कांग्रेस से बगावत कर मैदान में उतरे थे। 2009 से रंजीत सिंह इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ते रहे हैं। रंजीत सिंह ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई है।
बलराज कुंडू: महम विधानसभा सीट से निर्दलीय बलराज कुंडू ने जीत दर्ज की है। बलराज कुंडू भी भाजपा से टिकट न मिलने के चलते बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे थे। बीजेपी ने कुंडू की जगह महम सीट से शमशेर खरकड़ा को टिकट दिया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
नयनपाल रावत : वर्ष 2014 में भी भाजपा की टिकट पर पृथला विधानसभा से मैदान में उतरे थे, मगर उस समय वह 35, 999 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। पिछले 10 साल से पृथला क्षेत्र में जुटे रावत का भाजपा ने इस बार टिकट काटकर उनके स्थान पर सोहनपाल छोंकर को थमा दिया। जिसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अब शुक्रवार को उन्होंने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और पार्टी को समर्थन देने की इच्छा जाहिर की।