गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। पिछले दो महीनों में तीन बार आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल गुजरात का दौरा कर चुके हैं।
मार्च में अहमदाबाद में तिरंगा यात्रा और 1 मई को भरूच में भारतीय ट्राइबल पार्टी के छोटू वसावा के साथ एक आदिवासी सम्मेलन के बाद,11 मई को राजकोट में उनकी जनसभा थी। यहां आप प्रमुख के धर्म, एजुकेशन और हेल्थ कार्ड ने जनता को काफी प्रभावित किया। इससे लगता है कि धीरे-धीरे लोगों में पार्टी को लेकर विश्वास बढ़ने लगा है।
पिछले महीने, राजकोट से कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रनील राज्यगुरु की एंट्री के बाद आप को राजकोट में और बढ़ावा मिला है। राज्यगुरु गुजरात विधानसभा के सबसे अमीर सांसद थे। आप नेताओं का कहना है कि राज्यगुरु के शामिल होने से पार्टी को मदद मिली है। आप की गुजरात इकाई के संगठनात्मक सचिव अजीत लोखिल ने कहा, “हम राजकोट में (लंबे समय तक) अरविंद केजरीवाल की बैठक करना चाहते थे, लेकिन चीजें 3 मई के बाद ही आकार लेने लगीं।” उन्होंने दावा किया कि इस जनसभा में 25,000 लोग शामिल हुए थे, जिनमें से 70% राजकोट शहर से थे।
बता दें कि राजकोट सीट पर काफी लंबे समय तक बीजेपी का राज रहा है। 2001 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सीट से चुनाव जीतकर गुजरात विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी 2014 में पश्चिम राजकोट से चुनाव जीते थे। राजकोट शहर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी काफी सक्रिय है।
केजरीवाल ने वादा किया कि अगर आप सत्ता में आती है तो गुजरात के हर बुजुर्ग को अयोध्या की तीर्थ यात्रा पर ले जाएगी और सरकारी स्कूलों एवं अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी। साथ ही युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
केजरीवाल के स्कूलों और अस्पतालों एवं अयोध्या यात्रा के वादे ने जनता को काफी आकर्षित किया है। जनता ने आप पर विश्वास जताते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टी यहां जरूर कुछ अच्छा करेगी। राजकोट के गांधीग्राम इलाके की 67 वर्षीय गृहिणी मंगला मुलियाना ने कहा कि कांग्रेस के दिन खत्म हो गए हैं। मुलियाना ने कहा, “देखिए, उस पार्टी में केवल मां-बेटे की जोड़ी (सोनिया गांधी और राहुल गांधी की) बची है… आप की झाड़ू अब जीतेगी।” मुलियाना तीन साल पहले आप में शामिल हुए थे।