Body Content With: Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी है। इससे पहले फेसबुक ने कांग्रेस की आईटी सेल को करारा झटका दिया है। सोशल मीडिया कंपनी ने सोमवार (1 अप्रैल) को बताया कि उसने अपने प्लैटफॉर्म से 687 पेज और अकाउंट्स हटा दिए हैं। इनका संबंध भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस से था। फेसबुक का कहना है कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से इन पेज और अकाउंट्स को उनके ‘अनुचित व्यवहार’ की वजह से हटाया गया।
कांग्रेस को फॉलो करते हैं 300 मिलियन यूजर्स : बता दें कि फेसबुक द्वारा देश में किसी प्रमुख राजनीतिक पार्टी पर की गई यह कार्रवाई अपनेआप में अलग है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कांग्रेस को फेसबुक पर करीब 300 मिलियन यूजर्स फॉलो करते हैं। यह संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है।
एएनआई के मुताबिक, फेसबुक ने कहा है कि उसने सिल्वर टच नाम की एक आईटी कंपनी से जुड़ा एक अकाउंट और 15 पेज हटाए हैं। यह कंपनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नमो ऐप से संबद्ध बताई जा रही है।
अलग-अलग ग्रुप्स में जुड़ने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे फर्जी अकाउंट्स : फेसबुक ने बताया, ‘‘जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोग फर्जी अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहे थे और अलग-अलग ग्रुप्स में जुड़कर अपना कंटेंट भेजने और इंगेजमेंट बढ़ाने का काम कर रहे थे। उनकी पोस्ट में स्थानीय खबरों के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों जैसे पीएम नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की जाती थी।’’
इस आधार पर हुई कार्रवाई : फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी के हेड नैथेनियल ग्लेशर ने बताया, ‘‘हमारी रिव्यू टीम ने जांच के दौरान पाया कि इस एक्टिविटी में जो लोग शामिल हैं, उनका कनेक्शन इंडियन नेशनल कांग्रेस की आईटी सेल से है।’’ ग्लेशर ने बताया कि फेसबुक ने इन पेज व अकाउंट्स को उनके व्यवहार के आधार पर हटाया है, न कि उस कंटेंट के आधार पर, जो कि वे पोस्ट कर रहे थे।
फेसबुक ने सैंपल भी किए शेयर: बता दें कि भारत में लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत पहले चरण के चुनाव 11 अप्रैल को होंगे। मतदान की यह प्रक्रिया 18 मई तक जारी रहेगी। फेसबुक ने ऐसे पोस्ट के सैंपल भी शेयर किए हैं। इनमें मोदी की नीतियों की आलोचना के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी को समर्थन देने की मांग की गई है।
बता दें कि फेक न्यूज को लेकर भारत समेत पूरी दुनिया के देशों की ओर से फेसबुक पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही, सोशल मीडिया कंपनी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वह अपने प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए होने वाली गाली-गलौज और गलत सूचनाओं के लिए न होने दे।