कविता जोशी

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला ‘विकास बनाम भ्रष्टाचार’ के मुद्दे के ईदगिर्द घूमता हुआ नजर आ रहा है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच इंडिया गठबंधन के बैनर तले एक साथ चुनाव लड़ने के एलान के बाद अब इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय के बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बनाम आप के बीच ही रह गया है। भाजपा की तरफ से हर्ष मल्होत्रा के रूप में एक साधारण कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारा गया है तो वहीं आप ने पूर्वी दिल्ली के ही एक इलाके न्यू कोंडली के अनुसूचित जाति के एक विधायक कुलदीप कुमार को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। दोनों दलों के उम्मीदवार अपने-अपने चुनावी संवाद के केंद्र में बीते समय में उनके दलों के नेतृत्व में किया गया विकास और दूसरे के भ्रष्टाचार पर जोरदार निशाना साधा जा रहा है।

बिजली, पीने का साफ पानी, पक्की सड़कें क्षेत्र की बड़ी समस्या

वहीं, यमुनापार से सटे इस इलाके में रहने वाले लोगों की समस्याओं पर नजर डालें तो उनके सामने बिजली, पीने का साफ पानी, पक्की सड़कें, बेहतर स्कूल, परिवहन, स्वास्थ्य, कच्ची कालोनियों के बुनियादी ढांचा विकास और नियमितीकरण के अलावा गाजीपुर कचरा पट्टी पर लगे कचरे के पहाड़ के निपटान और व्यापारियों को जीएसटी व सीलिंग जैसी कई समस्याएं मौजूद हैं। भाजपा के हर्ष मल्होत्रा का कहना है कि क्षेत्र के चुनाव में हमारे विकास के माडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और उनके नेतृत्व में पहले ही केंद्र सरकार ने पूर्वी दिल्ली को परिवहन, स्वास्थ्य बीमा, मुफ्त राशन जैसी की बड़ी सौगातें दी गई हैं।

दोनों उम्मीदवारों का एक दूसरे के दलों के शीर्ष नेताओं पर उपेक्षा का आरोप

प्रधानमंत्री के विकास-लोगों को बेहतर जीवन की गारंटी ही मेरी भी क्षेत्रवासियों को चुनाव में दी जा गारंटी है। मल्होत्रा आप पर शराब, डीटीसी, जलबोर्ड और ‘क्लासरूम’ घोटाले का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि ये पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है, विकास से इसका कोई लेनादेना नहीं है। जबकि कुलदीप कुमार भाजपा पर यह कहकर निशाना साध रहे हैं कि दस साल से केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के पूर्वी दिल्ली के लोस उम्मीदवारों ने क्षेत्र की जनता को केवल ठगने का काम किया है। चुनाव के वक्त अपने बड़े नाम के दम पर लोगों से वोट ले लिए और उसके बाद एक बार भी इलाके और अपनी जनता की सुध तक नहीं ली। इसका बदला जनता इस बार इंडिया गठबंधन को भारी मतों से विजयी बनाकर जरूर लेगी।

2014 के चुनाव में भाजपा के महेश गिरी को पूर्वी दिल्ली से 47.83 फीसद वोट मिले, आप के राजमोहन गांधी को 31.91 और कांग्रेस के संदीप दीक्षित 16.99 फीसद मतों के साथ हार का सामना करना पड़ा। जबकि 2019 के चुनाव में भाजपा के मत प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई और गौतम गंभीर को 55.35 फीसद वोट मिले, कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 24.24 और आतिशी को 17.44 फीसद वोट मिले थे। लेकिन इस बार कांर्ग्रेस-आप के गठबंधन से भाजपा के लिए भी मुकाबला कड़ा हो गया है।