मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मतदान के दिन एक बार फिर से EVM पर अविश्वास जाहिर किया है। उनका कहना है कि ईवीएम से होने वाली वोटिंग पारदर्शी नहीं होती है। इसीलिए विकसित देश इस तरीके का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसपर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें आड़े हाथों ले बैठे। जैन नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ईवीएम पर भरोसा नहीं है तो 2018 के विधानसभा चुनाव दोबारा कराने की मांग क्यों कर रहे थे?’

सिंह ने एक ट्वीट में लिखा, ‘तकनीकी युग में विकसित देश EVM पर भरोसा नहीं करते पर भारत व कुछ छोटे देशों में EVM से चुनाव होते हैं। विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है। क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है।’ दिग्विजय के बयान पर एक यूजर मनमोहन झा ने लिखा, ‘जब कांग्रेस जीतती है तो वही EVM ठीक हो जाती है। जिन्हें खुद अपने पर भरोसा नही वो दूसों पर या मशीन पर क्या भरोसा करेंगे। दम पूरा लगा दिया कि EVM हैक कर के दिखा दें लेकिन खोदा पहाड़ निकली चुहिया और ये विकसित देशों की बात करते हैं, वहां कांग्रेस की तरह बोगस मत नहीं पड़ते डंडे पड़ते हैं।’

मनोज कुशवाहा नाम के शख्स ने लिखा, ‘ये बात सही है कि ईवीएम इंसान की बनाई हुई एक मशीन है और हम इंसान जो चाहे वो इसमें कर सकते है,ये लोगों से सुनकर बहुत हास्यास्पद लगता है कि ईवीएम हैक नहीं हो सकती। सभी विपक्षी दलों को एक बार चुनाव का बहिष्कार करना चाहिए की हम ईवीएम में चुनाव नहीं लड़ेंगे तभी आयोग कुछ सोच सकता है।’

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दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट, हैक हो सकती है ईवीएम।

इसके जवाब में अभिषेक मालाकर ने कहा, ‘यह ट्वीट संभाल कर रखना क्योंकि अगर कांग्रेस जीतती है तो क्या आप तब भी यही कहोगे EVM हैक है और कभी ये भी नहीं बताया कि मत पेटी से जो चुनाव होते थे उनमे मत पेटी ही चोरी हो जाती थी,
हार का डर है तभी तो EVM पर आरोप लगाना शुरू कर दिया।’

शांतनु दवे ने लिखा, ‘राजा साहेब यदि EVM हैक हो सकती है तो जब चुनाव आयोग ने हैक करके दिखाने का टाइम दिया था तब काहे EVM हैक करके नहीं दिखाई ।आपके EVM हैक वाले इस बयान से साफ़ है की आपको समझ आ गया है की आप चुनाव हार रहे हैं ।’