लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही वक्त बचा है। उससे पहले ही कई पार्टियों ने विभिन्न सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में सीपीआई (एम) ने वरिष्ठ नेता एनी राजा को वायनाड लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में राहुल गांधी कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र का सवाल फिर से उठ खड़ा हुआ है।

एक तरफ जहां सीपीआई राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन का एक हिस्सा है, वहीं केरल में वह कांग्रेस के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। यह समझा जाता है कि CPI (M) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे का राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ कोई समझौता नहीं होगा। दोनों वामपंथी दल जो पहले ही लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुके हैं, कांग्रेस से किसी अन्य राज्य में राहुल के लिए एक सीट पर विचार करने के लिए कह रहे हैं, खासकर जहां पार्टी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा है।

केरल से चुनाव लड़ने में राहुल गांधी को क्या फायदा?

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में एनी राजा ने कहा, ‘केरल से चुनाव लड़ने में कांग्रेस या राहुल गांधी को क्या फायदा है? कांग्रेस के पास अपने नेतृत्व के लिए एक सुरक्षित सीट के लिए कई विकल्प हैं। यह तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक कई जगहों पर हो सकता है।’

कांग्रेस ने जहां बुधवार को घोषणा की कि वह यूडीएफ गठबंधन के हिस्से के रूप में केरल में 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन उसने अभी तक उम्मीदवारों के नाम सामने नहीं रखे हैं। हालांकि, कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा कि वह चाहती है कि राहुल फिर से वायनाड से चुनाव लड़ें। 2019 में इस निर्वाचन क्षेत्र ने न केवल कांग्रेस नेता को अपना चेहरा बचाने में मदद की थी क्योंकि वह उत्तर प्रदेश में पारिवारिक गढ़ अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए थे। वहीं, उनकी उम्मीदवारी ने केरल में भी पार्टी की जीत में मदद की थी।

2019 चुनाव में राहुल ने वायनाड सीट पर दर्ज की थी जीत

राहुल ने 2019 चुनाव में एक अन्य सीपीआई उम्मीदवार के खिलाफ 64.8% वोट शेयर के साथ वायनाड सीट जीती थी। वास्तव में, वायनाड कांग्रेस की एक सुरक्षित सीट रही है। पार्टी ने इसे पिछले तीन बार बड़े अंतर से जीता है। यही कारण है कि पार्टी ने इसे राहुल के लिए चुना।

लोकसभा चुनाव के दो साल बाद हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भी, वायनाड लोकसभा सीट के सात खंडों में कांग्रेस एक प्रमुख पार्टी थी। 2014 और 2009 के लोकसभा चुनावों में, वायनाड सीट दिवंगत कांग्रेस नेता एम आई शनावास ने जीती थी। 2014 के चुनावों में दोनों पार्टियों के बीच पिछले तीन चुनावों की तुलना में सबसे करीबी मुकाबला देखने को मिला। 2009 में शनावास 1.53 लाख वोटों से जीते थे।

2021 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी सीपीआई (एम) के 25.6% की तुलना में, वायनाड के अंतर्गत आने वाले सात क्षेत्रों में 34.5% का संयुक्त वोट शेयर हासिल किया। जबकि सीपीआई ने एलडीएफ के हिस्से के रूप में लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर वायनाड सीट से चुनाव लड़ा है, विधानसभा क्षेत्र ज्यादातर सीपीआई (एम) की झोली में आते हैं। उस साल, कांग्रेस ने सात में से तीन खंड जीते उसके बाद दो सीपीआई (एम) ने जीते।

(Story by Anjishnu Das)