बिहार में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है लेकिन नीतीश कुमार की अगुआई में लड़े गए चुनाव में जेडीयू को मात्र 43 सीटों से संतोष करना पड़ा। टीवी के एक डिबेट शो में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘चुनाव के पहले के मुद्दों में महिलाओं की सुरक्षा भी था। पिछले 15 साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 175 प्रतिशत की वृद्धि है। इसके बावजूद अगर महिलाओं ने नीतीश कुमार को तो नहीं लेकिन बीजेपी को वोट दिया है तो उनका फैसला सर आंखों पर है।’

आजतक के ऐंकर सुमित अवस्थी ने पूछा, ‘दूसरे और तीसरे चरण में महिलाओं के वोट ज्यादा पड़े और एनडीए को ज्यादा सीटें मिलीं। क्या आपको लगता है कि महिलाओं ने परिणाम पलट दिए?’ इस पर श्रीनेत ने कहा, जीत के क्या कारण हैं मैं उसमें नहीं जाना चाहती। अगर महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया है तो वह उनका फैसला है, यह फैसला सर आंखों पर है। हम भी कुछ ऐसा करेंगे कि वे हमें भी वोट दें। उन्होंने कहा, ‘बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। बेरोजगारी और महंगाई की मार महिलाओं पर भी पड़ती है।’

बता दें कि दूसरे और तीसरे चरण के मतदान में महिलाओं का वोटिंग पर्सेंटेज पुरुषों से ज्यादा था। इस चरण में जिन सीटों पर चुनाव हुआ है उसमें एनडीए की ज्यादा सीटें आईं।  वहीं पहले चरण में पुरुषों ने ज्यादा वोट किया था और उसमें महागठबंधन को बढ़त मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनाव परिणाम के वक्त महिलाओं के लिए अलग से ट्वीट करके उन्हें धन्यवाद दिया था। उन्होंने युवाओं को भी ट्वीट कर जीत के लिए आभार व्यक्त किया था।


जानकारों का कहना है कि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की स्कीमों और महिलाओं के लिए शुरू की गईं योजनाओं को प्रभावि बिहार के चुनाव में देखने को मिला है। लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने महिलाओं के खाते में मदद राशि डाली थी। इसके अलावा किसान सम्मान निधि भी दी गई। गैस सिलिंडर के लिए पैसे भेजे गए। गरीब और विधवा महिलाओं को अलग से मदद राशि  भेजी गई। केंद्र और राज्य सरकार की इन योजनाओं से महिलाएं एनडीए के पक्ष में दिखाई दीं।