आशीष दुबे

चुनावी प्रचार के अंतिम दिन शुक्रवार को अक्षरधाम से पुराने लोहे के पुल की तरफ जाने वाले रास्ते पर गांधीनगर-कैलाश नगर के आसपास का पूरा माहौल लोगों के हुजूम और ढोल नगाड़ों की आवाज से गूंज रहा था। महिला-पुरुष और बच्चों ने कांग्रेस का झंडा थाम रखा था।  भीड़ से पूरी तरह से पट चुके गांधीनगर मार्केट के मुख्य मार्ग पर कुछ बुजुर्ग महिलाएं हाथ में फूलों के गुलदस्ते और एक छोटा सा पेठा का डब्बा लेकर पसीना पोछते हुए इंतजार कर रही थीं। भीड़ देखकर आने-जाने वाले भी अपने वाहन रोककर लोगों से माजरा पूछ रहे थे.. लोगों का यह हुजूम कांग्रेस उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली के स्वागत के लिए खड़ा है। नेता से इतर किसी ने लवली को अपना बेटा, तो किसी ने भाई बताया।

वहां मौजूद लोगों ने बताया कि पूरे इलाके में कहीं भी अन्य किसी दल का झंडा तक लगा नहीं दिखेगा। यही साबित कर रहा है कि लवली मुकाबले की दौड़ में औरों से कितना आगे हैं। दिल्ली में लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सुबह नौ बजे से यह नजारा पूरे गांधीनगर, कैलाश नगर, चांद कॉलोनी में रहा। देश में रेडीमेट गारमेंट के सबसे बड़े थोक बाजार के रूप में प्रसिद्ध गांधीनगर में दुकानें तो खुली थंीं, लेकिन कारोबार करने के बजाए सभी चुनावी चर्चा और लवली को जिताने की रणनीति तैयार करते दिखे। गुरुवार को गीता कालोनी में हुई राहुल गांधी की जनसभा के दौरान उमड़ी भीड़ को लेकर भी लोग चर्चा करते मिले।

सादगी के साथ गाड़ी में सवार होकर सुबह करीब 10:30 बजे अरविंदर सिंह लवली कैलाश नगर के महावीर स्वामी पार्क पहुंचे। उनके पहुंचते ही कांग्रेस जिंदाबाद, राहुल गांधी जिंदाबाद, ‘व्यापारियों की राहत के लिए लवली को जिताना है’ के नारे लगे। चेहरे पर उम्मीद भरी मुस्कान के साथ लवली लोगों से गर्मजोशी के साथ मिले। वहां खड़ी एक मोटरसाइकिल के पीछे बैठकर कैलाश नगर के जैन मंदिर अकेले गए। मंदिर में पूजा करने के बाद मोटरसाइकिल पर बैठकर फिर महावीर स्वामी पार्क पहुंचे, जहां से रैली शुरू हुई। खुली जीप में सवार होकर लवली एवं उनके समर्थक लोगों से हाथ मिलाकर, हाथ जोड़कर अभिनंदन कर रहे थे। जिन रास्तों से रैली निकली वहां, हर 150-200 मीटर पर स्वागत करने के लिए तंबू लगाकर मंच बना रखे थे। चिलचिलाती गर्मी में भी कांग्रेस की टोपी पहने और गले में पटका डाले महिला-पुरुष यहां खड़े थे। लवली जैसे ही यहां पहुंचे लोगों ने एक स्वर में ‘चौकीदार चोर है…’ के नारे लगाए।

लोग बोले, सुख-दुख में मिला साथ
कैलाश नगर मुख्य मार्ग के एक बुजुर्ग कारोबारी ने बताया कि लवली अपना मुंडा है। यहां उसे कोई नेता नहीं मनाता है और ना ही यहां के लोगों के लिए कभी लवली ने खुद को बड़ा नेता बताने की कोशिश की है। लवली की गांधीनगर, कैलाश नगर समेत आसपास के इलाके में एक आम आदमी जैसी पहचान है। लवली ने सैकड़ों लोगों की वृद्धावस्था पेंशन की व्यवस्था कराई है। सीलिंग के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन में खुलकर कारोबारियों का साथ दिया है। किसी भी काम के लिए जो कोई भी गया, लवली ने हमेशा मदद की है। गांधीनगर के एक कपड़ा व्यापारी ने बताया कि इस बार लवली का मुकाबला कोई नहीं कर सकता है। समूचे इलाके में गली-मोहल्ले के बारे में उन्हें पूरी जानकारी है। कहां क्या कमी है और उसका निदान कैसे कराना है, यह केवल लवली को पता है। दूसरे दलों के उम्मीदवार यदि इलाकों के सही तरह से नाम भी नहीं बता सकते हैं।