आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से कांग्रेस पार्टी का संकट बढ़ गया है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राजधानी के लिए पार्टी की लोकसभा उम्मीदवार चयन प्रक्रिया अस्त-व्यस्त हो गई है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में जिन तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाना है, उन पर अंतिम निर्णय रुका हुआ है। शुक्रवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद इसकी घोषणा होनी थी, लेकिन उसे रोक दी गई। उम्मीदवारी के लिए कई नए दावेदार सामने आ रहे हैं।
दिल्ली में कांग्रेस तीन और आप चार सीटों पर लड़ रही है
दिल्ली में कांग्रेस तीन और आप चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पार्टी आलाकमान ने चांदनी चौक और पूर्वोत्तर दिल्ली सीटों पर एक-एक नाम पर पहले ही अपना मन बना लिया था। तीन में से दो सीटों के लिए विकल्पों पर विचार के लिए सूचित किया गया था। अंतिम निर्णय लेने से पहले अब सर्वेक्षण किया जाएगा।”
पार्टी ने चयन प्रक्रिया के लिए आंतरिक सर्वेक्षण कराया था
सूत्रों ने कहा कि एक पखवाड़े पहले दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप-कांग्रेस गठबंधन के प्रति जनता की भावना में सकारात्मक झुकाव आया था। आंतरिक सर्वेक्षणों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को फिर से शामिल किया गया है। पार्टी के अनुभवी नेता पूर्व मंत्री और मौजूदा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के अलावा इन नेताओं में पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष और पार्टी के छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के वर्तमान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी प्रभारी कन्हैया कुमार शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी उनमें भविष्य के नेता और शहर की राजनीति में एक पूर्वांचली चेहरे के रूप में “काफी संभावनाएं” देखती है। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, “दिल्ली के कई वरिष्ठ नेताओं ने गठबंधन से पहले निजी वजह से पीछे हट गये थे। उदाहरण के लिए, जब कोई गठबंधन नहीं था, तब पहली बार पश्चिमी दिल्ली सीट से संभावित उम्मीदवार के रूप में कन्हैया का नाम सामने आया था।”
उन्होंने कहा, “केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, सर्वेक्षणों से पता चला कि जनता की भावना और समर्थन आप-कांग्रेस गठबंधन की ओर बढ़ रहा है; जिन नेताओं ने बाहर निकलने का विकल्प चुना था उन्हें एहसास हुआ कि उनके पास एक मौका है और वे फिर से दिलचस्पी लेने लगे।”
