Chhattisgarh Assembly Election Result: छत्तीसगढ़ की कोंटा विधानसभा सीट नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आती है। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ मंत्री कवासी लखमा लगातार पांच बार से विधायक चुने गए हैं। 2023 के चुनाव में भी कवासी कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़े। इस सीट पर सीपीआई और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने के लिए मिली। कवासी लखमा को 32776 वोट मिले हैं और बीजेपी के सोयम मुका को 30795 वोट मिले हैं। वहीं, सीपीआई के मनीष कुंजम ने 29040 वोट हासिल किए हैं। यहां पर वोटों की गिनती 18 राउंड में की गई।

2018 में 6 हजार के करीब वोटों के अंतर से जीते थे कवासी

कोंटा विधानसभा में कवासी लखमा का मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा उम्मीदवार सोयम मुका से है। हालांकि रेस में भाकपा उम्मीदवार मनीष कुंजाम भी हैं। इस सीट पर 2018 के चुनाव परिणाम की बात करें तो कवासी लखमा बीजेपी के धनीराम बारसे से 6,709 वोट के मार्जिन से जीते थे। कवासी लखमा को 31,933 वोट मिले थे, जबकि धनीराम बारसे को 25,224 वोट मिले थे।

एसटी आरक्षित सीट है कोंटा

कोंटा विधानसभा एक एसटी आरक्षित सीट है। यहां 84 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है। सुकमा जिले में साक्षरता का प्रतिशत 68 फीसदी है। यहां वोटर्स की कुल संख्या 164765 है। पुरुष वोटर्स की संख्या 77833 और महिला वोटर्स की संख्या 86,932 है। कोंटा सीट पर 7 नवंबर को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर 6 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। चुनाव आयोग ने किसी का भी नामांकन खारिज नहीं किया था।

1998 से विधायक चुने जा रहे हैं कवासी लखमा

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद से वहां कई सीटें ऐसी हैं जहां कभी कांग्रेस पार्टी की हार नहीं हुई। कोंटा सीट उन्हीं में से एक है। कवासी लखमा यहां पर 1998 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। वह एक कद्दावर आदिवासी नेता हैं। कवासी लखमा का लंबा राजनीतिक करियर रहा है। इस सीट पर लगातार जीतने के बाद कवासी लखमा को 2018 में भूपेश बघेल की सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

बता दें कि छत्तीसगढ़ 2018 के विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। देखना है कि इस बार का परिणाम क्या रहता है।