छत्तीसगढ़ के बस्तर -जगदलपुर संसदीय क्षेत्र की दंतेवाड़ा विधानसभा सीट नक्सल प्रभावित मानी जाती है। इस क्षेत्र ने लंबे समय तक नक्सलवाद का दंश झेला है। दंतेवाड़ा विधानसभा एक एसटी सीट है। इस विधानसभा क्षेत्र में वोटों की गिनती 21 राउंड में हुई, जिसमें बीजेपी के चैतराम आतमी ने कमल खिलाया और कांग्रेस के छाविंदर करमा को हार मिली। बीजेपी को कुल 57739 वोट मिले और 16803 वोटों से कांग्रेस पीछे रही। 2018 में यह सीट भाजपा नेता भीमा मंडावी ने जीती थीं, लेकिन उसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था। यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है।
2023 में यहां 60 प्रतिशत से अधिक हुई वोटिंग
बात करें इस बार के चुनाव की तो 2023 में यहां से बीजेपी ने चैतराम अटामी को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने छविंद्र कर्मा को टिकट दिया है। भीमसेन मंडावी सीपीआई उम्मीदवार हैं। 2018 में दंतेवाडा में कुल 33 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2023 में इस सीट पर मतदान 7 नवंबर को हुआ है। इस सीट पर 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। वोटिंग वाले दिन भी यहां से कुछ हिंसक घटनाओं की खबरें सामने आई थी। वहीं मतगणना को लेकर भी यहां सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद है।
इस सीट पर आदिवासी जनसंख्या है अधिक
दंतेवाड़ा (एसटी) विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी जनसंख्या सबसे अधिक है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 87 हजार 276 है, जिसमें पुरुष मतदाता 88 हजार 830 और महिला मतदाता 98 हजार 446 हैं। यहां की साक्षरता दर 42 प्रतिशत है। आदिवासी जनजाति में मुख्य रूप से मरकाम, कर्मा, दोरला और मुरिया जनजाति निवास करती है। स्व. महेंद्र कर्मा इस सीट के पहले विधायक थे। देवती कर्मा जो अभी विधायक हैं वह उन्हीं की पत्नी हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ 2018 के विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।