संजीव शर्मा
हरियाणा में भाजपा आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व मौजूदा सांसदों पर दोबारा दांव खेलने के मूड में नहीं लग रहा। नरेंद्र मोदी के नाम पर पिछली बार प्रदेश की 10 सीटों में से सात सीटें जीतने वाले रणनीतिकारों को इस बार बड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ रहा है। भाजपा को यहां जीत का दम भरने वाले मजबूत प्रत्याशियों की तलाश है। अलग-अलग कारणों से भाजपा को अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, हिसार, सिरसा, भिवानी और रोहतक लोकसभा सीटों पर नए प्रत्याशियों की तलाश करनी पड़ रही है।
अंबाला में है अंदरखाने विरोध
अंबाला लोकसभा सीट पर भाजपा मौजूदा सांसद रतन लाल कटारिया की जीत को संदेह के घेरे में मान रही है। आलाकमान के कई प्रयासों के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सांसद कटारिया एक मंच पर नहीं आ सके हैं। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग भी कटारिया के विरोध में है। लिहाजा यहां भाजपा किसी अन्य चेहरे पर दांव लगाने की तैयारी में है।
कुरुक्षेत्र में बाधा बागी सांसद
पिछली दफा कुरुक्षेत्र में जोरदार जीत पाने वाली भाजपा इस बार चुनावी चक्रव्यूह में फंसी हुई है। मौजूदा सांसद राजकुमार सैनी पार्टी से बगावत करके खुद की पार्टी बना चुके हैं। उनके विकल्प के रूप में भाजपा के पास अभी कोई स्थानीय चेहरा नहीं है। उनकी जगह पार्टी में नारायणगढ़ के विधायक नायब सैनी को टिकट देने की चर्चा है।
भिवानी में असमंजस में हैं सांसद धर्मवीर
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आसानी से भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट जीती थी। इस बार भी उसे यहां जीत की उम्मीद है। वर्तमान सांसद धर्मबीर सिंह डेढ़ साल पहले लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके थे लेकिन जींद उपचुनाव और मेयर के चुनाव में भाजपा का परचम फहराने के बाद धर्मबीर ने यू टर्न लेते हुए लोकसभा चुनाव लड़ने पर रजामंदी जता दी। भाजपा इस बार धर्मबीर को टिकट देने के लिए इच्छुक नजर नहीं आ रही है और उनके विकल्प की तलाश कर रही है। हालांकि इस सीट से केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के चुनाव लड़ने की भी चर्चा है। वीके सिंह मूल रूप से भिवानी जिले के ही हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने करनाल लोकसभा सीट से पत्रकार अश्वनी चोपड़ा को चुनाव मैदान में उतारा था। मोदी के नाम की आंधी में चोपड़ा चुनाव जीत भी गए लेकिन पहले ही दिन से उनकी न तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बनी और न ही राज्य के नेतृत्व के साथ। अब बीमारी के कारण अश्वनी चोपड़ा लंबे समय से करनाल से गायब हैं। ऐसे में करनाल से भाजपा द्वारा केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को चुनाव मैदान में उतारने की खबरें हैं। दूसरी तरफ हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से भी करनाल से चुनाव लड़ने की अपील की है। हालांकि इस सीट से इलाके में बड़ा प्रभाव रखने वाले स्वामी ज्ञानानंद के नाम की भी चर्चा में है।
सिरसा सीट पर भी सत्तारूढ़ भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हैं। यहां नौ विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ टोहाना में ही भाजपा का विधायक है। इस आरक्षित संसदीय सीट को जीतने के लिए भाजपा के पास फिलहाल कोई दमदार चेहरा नहीं है। हालांकि संगठन की तरफ से प्रबल दावेदारों में आइआरएस एवं चेयरमैन सुनीता दुग्गल, रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी वी कामराजा के अलावा सबसे तेजी से जो नाम चल रहा है वह राष्ट्रीय सफाई आयोग के चेयरमैन गायक हंसराज हंस का है।
रोहतक सीट पर 2014 के चुनाव में भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हराने में नाकाम रही थी। इस बार भी कमोबेश हालात यही हैं। भाजपा जाट और गैर जाट का सवाल उठाने के अलावा जाट आरक्षण दंगों को उछाल कर रोहतक लोकसभा सीट जीतना चाहती है लेकिन अभी तक भाजपा के पास ऐसा कोई दमदार प्रत्याशी नहीं है जो दीपेंद्र हुड्डा को पटखनी देने में सक्षम लग रहा हो। इस सीट से कुछ दिन पहले क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का नाम चला लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। अब इस सीट पर पूर्व सेना प्रमुख जरनल सुहाग का नाम बड़ी तेजी से चल रहा है।
सोनीपत सीट को दोबारा जीतने के लिए भाजपा को भारी मशक्कत करनी पड़ेगी। वर्तमान सांसद रमेश कौशिक को लेकर नाराजगी है। इस कारण भाजपा उनकी जगह किसी दूसरे दमदार चेहरे को टिकट देने के लिए मगजमारी कर रही है लेकिन उसे अभी तक कोई जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है। चेयरमैन कृष्णा गहलावत और पहलवान योगेश्वर दत्त के चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। योगेश्वर दत्त ने गत दिवस दिल्ली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा आलाकमान के साथ बैठक भी की है।
भजन लाल परिवार और देवीलाल परिवारों के वर्चस्व का केंद्र हिसार सीट पर भाजपा के लिए जीतना सबसे बड़ी चुनौती है। कुलदीप बिश्नोई और वर्तमान सांसद दुष्यंत चौटाला को हराने के लिए भाजपा के पास अभी कोई दमदार चेहरा नहीं है। प्रदेश के सभी सांसदों के मुकाबले दुष्यंत चौटाला का प्रदर्शन बेहतर रहा है। दुष्यंत चौटाला ने अपने हिस्से की ही नहीं बल्कि अपने से पहले यहां से सांसद रहे भजन लाल और कुलदीप बिश्नोई के हिस्से की ग्रांट भी खर्च की है। इस सीट से भाजपा में पार्टी नेता अशोक गोयल, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बिजेंद्र सिंह का नाम चल रहा है।