मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बिसात पर मुकाबले की तस्वीर अब बिलकुल स्पष्ट हो चुकी है। कांग्रेस से मिल रही टक्कर को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी अपने इस गढ़ को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। ऐसे में गुरुवार से भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मैदान में उतर रहे हैं। 26 नवंबर तक के लिए शाह ने भोपाल में डेरा डाल दिया है। 12 में से सात दिनों तक वे सिर्फ प्रचार करेंगे। इस दौरान वे प्रदेश के हर संभाग में जाकर करीब 29 सभाएं और रोड शो करेंगे।
शाह को सबसे सफल अध्यक्ष बताते हैं मोदी
चुनाव जीतने के शाह के रिकॉर्ड को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में उन्हें पार्टी का सबसे सफल राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हैं। शाह ने पूर्वोत्तर जैसे इलाके में भी भाजपा की अच्छी पैठ बनाई है। ऐसे में 15 साल से मध्य प्रदेश में चल रहे राजपाट को फिर से हासिल करने में उनकी अहम भूमिका हो सकती है। 2003 से भाजपा मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज है और एक दशक से भी ज्यादा समय से अकेले शिवराज सिंह मुख्यमंत्री पद संभाल रहे हैं। ऐसे में सत्ता विरोधी लहर भी हो सकती है। शाह के कार्यक्रम में भाजपा का गढ़ बन चुकी सीटों पर भी खासा फोकस होगा।
…ऐसा होगा शाह का कार्यक्रम
– 15 नवंबरः बड़वानी, शाजापुर और बड़नगर
– 16 नवंबरः टीकमगढ़, सागर और दमोह
– 18 नवंबरः सतना, सिंगरौली, उमरिया, चुरहट और देवतालाब
– 19 नवंबरः मैहर, नरसिंहपुर, बैतूल, खातेगांव, भोपाल उत्तर और नरेला
– 23 नवंबरः लखनादौन, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिहोरा, अशोकनगर, करैरा, भिंड और मुरैना
– 26 नवंबरः नीमच, रतलाम, कुक्षी, सांवेर