भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की एक चिट्ठी इन दिनों सोशल मीडिया पर खासी वायरल हो रही है। यह चिट्ठी भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को लिखी गई है। इस चिट्ठी के वायरल होने की वजह ये है कि इसमें मुरली मनोहर जोशी ने पार्टी नेतृत्व पर उनकी अनदेखी करने की बात लिखी है और लिखा है कि घर (पार्टी) के लोगों ने ही उन्हें (आडवाणी और जोशी) अपमानित कर घर (पार्टी) से निकाल दिया है। चिट्ठी के कंटेट को देखते हुए यह चिट्ठी वायरल होनी ही थी और हुई भी, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि यह फर्जी थी। शनिवार देर शाम तक मुरली मनोहर जोशी के दफ्तर से भी यह साफ कर दिया गया कि उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी है।

बता दें कि चिट्ठी में न्यूज एजेंसी एएनआई का लोगो लगा था। ये भी एक वजह थी कि लोगों ने इस चिट्ठी को सच मानकर धड़ाधड़ सोशल मीडिया पर शेयर किया। हालांकि न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी अब ऐसी किसी भी चिट्ठी से इंकार किया है और इसे फर्जी बताया है। गौरतलब है कि मुरली मनोहर जोशी को भी लालकृष्ण आडवाणी की तरह आगामी लोकसभा चुनावों का टिकट नहीं दिया गया है। बीते दिनों मुरली मनोहर जोशी ने कानपुर के मतदाताओं को एक पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व द्वारा उन्हें टिकट ना दिए जाने की बात कही थी। पत्र के जरिए जोशी ने परोक्ष रुप से इस पर नाखुशी भी जाहिर की थी। यही वजह थी कि जब जोशी के नाम से आडवाणी को लिखी यह फर्जी चिट्ठी सोशल मीडिया पर जारी हुई, लोगों ने भी इसे सच मान लिया।

सोशल मीडिया पर यही फर्जी चिट्ठी वायरल हो रही है।

चिट्ठी में पहले चरण के मतदान के बाद जिस तरह से लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन का आकलन किया गया था, उस वजह से भी यह चिट्ठी काफी वायरल हुई। हालांकि इस चिट्ठी में कई जगहों पर गलतियां होने के कारण लोगों को इस पर संदेह भी हुआ और बाद में मुरली मनोहर जोशी की तरफ से पुष्टि होने के बाद यह तय हो गया कि यह चिट्ठी फर्जी है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस फर्जी चिट्ठी के पीछे कौन है?