Lok Sabha Election 2024 को लेकर बीजेपी ने आज अपनी 195 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसमें पार्टी ने जातिगत समीकरणों और महिला-युवा वर्ग पर खास फोकस किया है। बीजेपी ने अपने सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश के लिए भी 51 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है जिसमें किसी भी सांसद का टिकट नहीं कटा है जो कि पार्टी के फूंक-फूक कर कदम रखने के अप्रोच का संकेत दे रहा है। यूपी आज के वक्त में बीजेपी का गढ़ बन गया है लेकिन कई सीटें ऐसी भी हैं जहां बीजेपी 2019 में मोदी लहर के बावजूद नहीं जीत सकी है जिसके लिए इस बार पार्टी ने नए चेहरों पर दांव लगाया है।

बीजेपी ने यूपी की हारी हुई सीटों पर भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है जिसमें श्रावस्ती, अंबेडकर नगर, जौनपुर और नगीना लोकसभा सीट हैं। ये सीटें बीजेपी 2019 के चुनावों में विपक्षी दलों से हारी थी। इसके लिए बीजेपी (BJP) ने एक खास प्लान तैयार किया है और चारों ही नए चेहरों को मौका दिया है।

बीजेपी ने इस बार श्रावस्ती से नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा, अंबेडकरनगर से बसपा से आए रितेश पांडे जौनपुर से कृपाशंकर सिंह (पूर्व गृह राज्य मंत्री, महाराष्ट्र) और नगीना से ओम कुमार को सियासी मैदान में उतारा है। ऐसे में हारी हुई सीटों पर खड़े हुए इन प्रत्याशियों पर पुरानी हार का कोई बोझ नहीं है और न ही उनके खिलाफ कोई परसेप्शन है।

नए प्रत्याशियों का प्रभावशाली बैकग्राउंड

सबसे पहले बात कृपाशंकर सिंह की करें तो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं और साल 2004 में महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री रहे। इसके साथ ही 2011 तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई। कहा जाता है कि 2009 में शिवसेना के खिलाफ कांग्रेस की बढ़त में उनकी अहम भूमिका रही थी। अब उनका नाम यूपी की जौनपुर सीट से बीजेपी ने घोषित कर सभी को चौकाया है।

इसके अलावा श्रावस्ती से बीजेपी द्वारा घोषित प्रत्यासी साकेत मिश्र देवरिया के रहने वाले हैं। साकेत के नाना पंडित बदलूराम शुक्ला क्षेत्र के प्रभावशाली ब्राह्मण चेहरों के तौर पर देखे जाते रहे हैं। वे कांग्रेस के सांसद भी रह चुके हैं। वहीं बीजेपी की नजर अंबेडकर नगर सीट पर भी हैं। इस सीट पर पार्टी ने हाल ही में बीएसपी से बीजेपी में आए रितेश पांडे को टिकट मिला है, जिनके साथ हाल ही में पीएम मोदी ने संसद की कैंटीन में लंच किया था।

इसके अलावा नगीना सीट ओम कुमार भी पार्टी का अहम चेहरा हैं, जिन्हें पार्टी ने इस बार विपक्षी दलों का किला भेदने के लिए मैदान में उतारा है।