देश में लोकसभा चुनाव का जोर तेजी पर है। हर तरफ राजनीतिक दलों की रैलियां, सभाएं और रोड शो जारी है। सोमवार 20 मई को पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों पर मतदान होगा। ये सभी हाई प्रोफाइल सीट हैं। ये सीट सारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, और हाजीपुर है। शनिवार को इन सीटों पर प्रचार का शोर खत्म हो गया। यहां 20 मई को 95 लाख 11 हजार से अधिक मतदाता 80 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें सारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी, हाजीपुर पर एलजेपी और सीतामढ़ी पर जेडीयू का कब्जा है। यानी पांचों सीट पर एनडीए काबिज है।
इस बार कई चर्चित चेहरे चुनावी जंग लड़ रहे है। इनमें एलजेपी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान, राजीव प्रताप रूडी, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद की बेटी रोहणी आचार्य है। इन चर्चित चेहरों की वजह से सभी दल अपना पूरा दम लगाए हैं। मगर मतदाताओं का मौन सभी को खल रहा है। प्रचंड गर्मी की वजह से मत फीसद बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने चुनाव के समय में एक घंटे का इजाफा किया है।
सारण लोकसभा सीट
यहां 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। मगर मुख्य मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और आरजेडी की रोहिणी आचार्य के बीच है। राजीव प्रताप रूडी 2014 के चुनाव में लालू प्रसाद की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पराजित कर चुके हैं। 2019 में लालू प्रसाद के समधी व इनके बड़े बेटे तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय को भी इन्होंने हराया था। इस बार इनका सामना लालू की लाडली से है।
सीतामढ़ी लोकसभा सीट
मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी से आरजेडी ने अर्जुन राय पर भरोसा जताया है। राय 2009 में जेडीयू के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। आरजेडी के टिकट पर इनको शिकस्त ही मिली है। 2019 में भी राय जेडीयू उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू से पराजित हुए है। इस बार जेडीयू ने बिहार विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है। वे संसदीय चुनाव में नए हैं।
मधुबनी लोकसभा सीट
अशोक कुमार यादव बीजेपी के निवर्तमान सांसद और हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र हैं। इस बार इनका मुकाबला आरजेडी के अली अशरफ हाशमी से है। वे दरभंगा से सांसद रह चुके हैं। 2019 का चुनाव बीजेपी उम्मीदवार अशोक कुमार यादव ने वीआइपी के बद्री कुमार पूर्वे को काफी अंतर से पराजित किया था। पर इस बार चुनाव आसान नहीं है।
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट
यहां दो निषादों में टक्कर है। दोनों ही 2019 चुनाव में आमने-सामने थे। इस बार भी चुनावी जंग में डटे हैं। फर्क यह है कि दोनों ने ही पाला बदल लिया है। अजय निषाद भाजपा के निवर्तमान सांसद हैं। इस बार भाजपा ने राजभूषण चौधरी को टिकट दिया है। 2019 संसदीय चुनाव में ये वीआइपी में थे और वे अशोक से शिकस्त खा गए थे। इस दफा इन्होंने कांग्रेस का हाथ पकड़ा है। यहां टक्कर कांटे की है।
हाजीपुर लोकसभा सीट
अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत संभालने चिराग पासवान जमुई को छोड़ यहां आए हैं। जमुई सीट पर 2014 और 2019 को चिराग ने जीत हासिल की थी। हाजीपुर से बीते चुनाव में एलजेपी ने इनके चाचा पशुपति पारस को उतारा था। जो कामयाब हुए। अब आपस में मनमुटाव की वजह से दूरी बना ली है।
इन पांचों सीटों पर किस उम्मीदवार को जनता कितना वोट देती है, यह तो चार जून को पता चलेगा, लेकिन जनता अपना मत सोमवार को दे देगी। पांचों सीटों पर बीजेपी, एलजेपी, जेडीयू, कांग्रेस और आरजेडी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।