बिहार विधानसभा में इस बार नतीजे पिछले साल के मुकाबले देरी से आएंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में सामान्य से अधिक समय लगेगा और यह देर रात तक भी चल सकती है।

कोरोना महामारी की वजह से इस बार 63 प्रतिशत अधिक ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह से जारी है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि तीन चरण के चुनाव में करीब 4.16 करोड़ मत पड़े थे, जिनमें से दोपहर एक बजे तक एक करोड़ से अधिक मतों की गिनती हो गई थी। कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 की तुलना में इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी।

अधिकारियों ने कहा कि अभी तक मतणना में कोई तकनीकी परेशानी नहीं आई है।  2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था। इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ी थी। बिहार चुनाव के लिये मतगणना 38 जिलों के 55 मतगणना केंद्रों पर हो रही है।

इस बार हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,000 से 1,500 तक तय की गई थी, ताकि सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ी। बिहार के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त बिहार चंद्र भूषण कुमार ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रक्रिया के अनुसार मतगणना आज देर रात समाप्त हो जाएगी।’’

उन्होंने बताया कि 2015 के विधानसभा चुनाव में मतगणना 38 स्थलों पर हुई थी, लेकिन इस बार सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए 55 स्थलों पर मतगणना हो रही है। इस बार हर हॉल में मेजों की संख्या 14 से कम करके सात कर दी गई है। भूषण ने बताया कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 19 से 51 दौर में मतगणना होगी।

ईवीएम के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन ने ईवीएम की विश्वसनीयता के संबंध में कुछ लोगों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मशीन से ‘‘कोई छेड़छाड़ नहीं’’ हो सकती और उच्चतम न्यायालय ने कई बार इस उपकरण के इस्तेमाल को सही बताया है।

चुनाव आयोग का कहना है कि अभी चुनाव के परिणाम को लेकर अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगी। चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार 166 विधानसभा सीटों पर वोटों का अंतर 5000 से भी कम है। जबकि 123 सीटों ऐसी हैं जहां बढ़त 3000 से कम है। राज्य में 80 सीटें ऐसी हैं जहां उम्मीदवारों का अंतर 2000 से भी कम है।

राज्‍य की 49 सीटों पर वोटों का अंतर 1000 से भी कम है। जबकि 20 ऐसी भी सीटें हैं जिनपर काफी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इन सीटों पर 500 मतों से भी कम का अंतर है। 20 ऐसी सीटें हैं जहां बहुत ही बढ़त 200 से भी कम मतों का है। इस चुनाव के परिणाम राज्य में नीतीश कुमार सरकार का भविष्य तय करेंगे। नीतीश कुमार पिछले 15 वर्ष से बिहार के मुख्यमंत्री हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के मतगणना के रूझानों के अनुसार 243 सीटों में से एनडीए 126 सीटों पर आगे चल रहा है। भाजपा गठबंधन में अपनी सहयोगी पार्टी नीतीश कुमार की जदयू से बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही है। भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, विपक्षी महागठबंधन 102 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।

मतगणना के रूझानों के मुताबिक, सत्तारूढ़ एनडीए बहुमत के आंकड़े को हासिल करता दिख रहा है। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार मतगणना के रूझानों में भाजपा 73 सीटों पर आगे चल रही है जबकि सहयोगी जदयू 47 सीट, हम पार्टी एक सीट और वीआईपी पार्टी 5 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।