बिहार में एनडीए ने 125 सीटों पर जीत दर्ज की बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है। वहीं महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली। हालांकि वोट शेयर की बात करें तो 2019 के आम चुनाव की तुलना में एनडीए के वोटशेयर गिरे हैं। इस चुनाव में नीतीश कुमार को खासा नुकसान हुआ है। फिर भी बीजेपी के दम पर एनडीए ने जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया।
एनडीटीवी के आंकड़ों की बात करें तो 2015 के मुकाबले एनडीए का वोट शेयर 5 फीसदी कम हो गया है तो वहीं महागठबंधन के वोटों में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस चुनाव में बीजेपी को 2019 के आम चुनाव के मुकाबले 4 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ। बीजेपी को 19.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। वहीं जेडीयू को 6 प्रतिशत वोटों का नुकसान उठाना पड़ा। एनडीए को 12 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ। 2019 के आम चुनाव के मुकाबले पार्टी को 6 फीसदी कम वोट मिले। बात करें आरजेडी और कांग्रेस की तो वोट शेयर के मामले में ये क्रमशः 8 और 9.4 फीसदी फायदे में रहे हैं। हालांकि ये वोट सीट में नहीं बदल पाए।
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार में 200 विधानसभा क्षेत्रों में परचम लहराया था। इसने 40 में से 39 लोकसभा सीटें भी हासिल कर ली थीं। लोकसभा चुनाव में एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी वहीं आरजेडी का सूपड़ा साफ हो गया था।
लोकसभा के चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, दिल्ली और बिहार में चुनाव हुए। इन सभी जगहों पर एनडीए के वोट शेयर में कमी देखी गई है। बिहार के विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के मुकाबले एनडीए का वोटशेयर 16 फीसदी कम होकर 38.2 प्रतिशत हो गया जो आम चुनाव में 50.3 प्रतिशत था। दिल्ली में एनडीए को 12.1 प्रतिशत, झारखंड में 21.9 प्रतिशत, हरियाणा में 21.5 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 42.2 प्रतिशत वोटों का नुकसान उठाना पड़ा।
वर्तमान में इन राज्यों में से केवल हरियाणा में ही बीजेपी की सरकार है। यहां दुष्यंत चौटाली की जेजेपी की मदद से सरकार बनी थी। इसके अलावा अब बिहार में एनडीए नीतीश कुमार की अगुआई में सरकार बनाने जा रहा है। बता दें कि बिहार चुनाव में एनडीए की 125, आरजेडी की 110 सीटों के अलावा आठ सीटें अन्य के खाते में गई हैं। इसमें एक सीट एलजेपी के नाम हुई है।