Loksabha Election 2019: दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना पर मंगलवार को विराम लग गया। कांग्रेस ने फैसला किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप से गठबंधन नहीं कर कांग्रेस भाजपा को मदद कर रही है।
दरअसल, लंबे समय से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा को हराने के मकसद से दोंनों पार्टियां एकसाथ आ सकती हैं और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कई बार खुलकर तालमेल की इच्छा जाहिर की थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंगलवार दोपहर दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की जिसके बाद गठठबंधन से जुड़ी अटकलों पर विराम लग गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “एक ऐसे समय में जब पूरा देश मोदी और शाह की जोड़ी को हराना चाहता है, कांग्रेस एंटी-बीजेपी वोट का बिखराव कर भाजपा को मदद कर रही है। अफवाह ये है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच कुछ गुप्त समझौता हुआ है। दिल्ली कांग्रेस और भाजपा गठबंधन से लड़ने को तैयार है। जनता इस अपवित्र गठबंधन को हराने का काम करेगी।”
मंगलवार को कांग्रेस की बैठक में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शीला दीक्षित समेत अधिकतर नेताओं ने आप के साथ तालमेल नहीं करने की राय जाहिर की। बैठक के बाद शीला ने कहा कि पार्टी दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी और नेताओं ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि आप के साथ गठबंधन को लेकर दो राय सामने आई, हालांकि ज्यादातर नेता तालमेल करने के खिलाफ थे। पीसी चाको और अजय माकन ने आप के साथ गठबंधन की पैरवी की। बैठक में शामिल एक नेता ने बताया, ‘‘माकन ने बैठक में कहा कि अगर गठबंधन नहीं होता है कि शायद उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आएं और ऐसी स्थिति में वह चुनाव नहीं लड़ना चाहेंगे।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ बैठक के दौरान यह बात भी उठी कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ेंगे। इस पर शीला ने कहा कि इसको लेकर बाद में फैसला होगा। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए।’’ सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के संदर्भ में इस बैठक में गांधी ने कहा कि पार्टी बहुमत की राय के साथ जाएगी यानी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी के दिल्ली प्रभारी चाको का कहना था कि पार्टी को फिलहाल भाजपा एवं नरेंद्र मोदी को हराने की रणनीति पर आगे बढ़ना चाहिए और राष्ट्रीय राजधानी में केजरीवाल की पार्टी के साथ जाना चाहिए। राहुल गांधी के साथ बैठक में शीला दीक्षित, पीसी चाको, कुलजीत नागरा, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष जेपी अग्रवाल, सुभाष चोपड़ा, अरविंदर सिंह लवली, अजय माकन तथा मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, हारून यूसुफ एवं कुछ अन्य वरिष्ठ नेता शामिल रहे। (भाषा इनपुट के साथ)

