एनडीए के पूर्व सहयोगी दल तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहस करने की चुनौती दी है। नायडू ने पूछा है कि क्या पीएम अपने साढ़े चार साल के शासनकाल की उपलब्धियों का आंककड़ा पेश करेंगे? उन्होंने कहा कि देशवासियों को मोदी के शासनकाल से कोई फायदा नहीं हुआ है। नायडू ने आक्रामक अंदाज में पूछा कि क्या मोदीजी देश को बता सकते हैं कि उनके शासनकाल में लागू की गई नोटबंदी और जीएसटी से देश को क्या फायदा हुआ? नायडू की यह प्रतिक्रिया पीएम मोदी के उस इंटरव्यू के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महागठबंधन का पहला प्रयोग फेल हो गया है और तेलंगाना के लोगों ने उसे नकार दिया है।
बता दें कि तेलंगाना विधान सभा चुनावों में टीडीपी और कांग्रेस ने गठबंधन किया था। इनके साथ सीपीआई और तेलंगाना जन समिति भी गठबंधन में शामिल थी लेकिन 119 सीटों वाले विधान सभा में इस गठबंधन को मात्र 21 सीटें ही हासिल हो सकीं। कांग्रेस ने 19 और टीडीपी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, नायडू ने पीएम के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि महागठबंधन फेल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी द्वारा लागू की गई योजनाओं से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश की संवैधानिक संस्थानों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और उसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के लिए हथियार के तौर पर कर रहे हैं।
नायडू ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव को आगे रखकर फेडरल फ्रन्ट का कार्ड खेल रहे हैं लेकिन ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस फ्रंट में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जेटली देश को और लोगों को गुमराह करते रहे हैं। नायडू ने कहा कि महागठबंधन पर आरोप लगाने वाले पीएम, उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत कुल दर्जनभर से ज्यादा मंत्रियों ने तेलंगाना चुनावों में ताकत लगाई थी लेकिन सिर्फ एक सीट ही मिल सकी। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव मोदी को पहले ही फासिस्ट करार दे चुके हैं, बावजूद मोदी उस पर चुप्पी साधे हुए हैं क्यों? बता दें कि टीडीपी पहले एनडीए में शामिल थी लेकिन आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने पर पिछले साल फरवरी में टीडीपी एनडीए और मोदी सरकार से अलग हो गई थी।