अपने दौर में जानी-मानी अभिनेत्री रहीं शताब्दी राय इस बार बाउल और लाल मिट्टी की इस धरती पर जीत की हैट्रिक बनाने के लिए मैदान में हैं। लेकिन अबकी वे तिकोने मुकाबले में फंसी हैं। बीरभूम जिला कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर के बसाए शांतिनिकेतन के लिए मशहूर रहा है। शताब्दी ने किसी दौर में माकपा का गढ़ रही इस सीट पर वर्ष 2009 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पहली बार जीत हासिल की थी। उसके बाद वर्ष 2014 में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। हालांकि इन पांच साल के दौरान पार्टी को मिलने वाले वोटों में लगभग 11.72 फीसद गिरावट दर्ज की गई। अबकी भाजपा ने भी इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। उसके लिए इस सीट की कितनी अहमियत है, इस बात का पता इसी से चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक यहां चुनावी रैलियां कर चुके हैं।
बीरभूम बंगाल की उन चुनिंदा सीटों में शामिल है जहां भाजपा को अपना खाता खुलने की उम्मीद है। राज्य के दूसरे इलाकों के मुकाबले यहां पार्टी का संगठन कुछ मजबूत है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन भी इलाके में लंबे अरसे से सक्रिय हैं। हाल के दिनों में यह इलाका राजनीतिक हिंसा और बम विस्फोटों की वजह से सुर्खियों में रहा है। पार्टी ने यहां दूध कुमार मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है। माकपा की ओर से अबकी रिजाउल करीम मैदान में हैं।शताब्दी वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी की लहर और अपने ग्लैमर के सहारे 47.42 फीसद वोट पाकर जीती थीं। तब माकपा के ब्रज मुखर्जी दूसरे और भाजपा के तापस मुखर्जी तीसरे स्थान पर थे, लेकिन वर्ष 2014 के चुनावों में राय को मिलने वाले वोटों में 11.72 फीसद की गिरावट आई।
2009 में महज 4.62 फीसदी वोट पाने वाली भाजपा को 2014 में यहां 18.47 फीसदी वोट मिले थे। लगभग 23 लाख की आबादी वाले इस जिले में 35 फीसदी अनुसूचित जाति व जनजाति तबके के हैं। जिले की कुल आबादी में से 85.7 फीसद ग्रामीण और 14.3 फीसद शहरी इलाकों में रहती है। यहां तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों जीत के दावे कर रही हैं। शताब्दी राय कहती हैं कि यहां उनकी जीत की हैट्रिक बनेगी। वे बीते चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के वोटों में गिरावट से परेशान नहीं हैं। राय का दावा है कि अबकी उनको पहले के मुकाबले ज्यादा वोट मिलेंगे। लोग भाजपा का असली चेहरा पहचान चुके हैं। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जैसे शीर्ष नेताओं की रैलियों से बम-बम भाजपा उम्मीदवार दूध कुमार मंडल कहते हैं अबकी इस सीट पर पार्टी का खाता खुलना तय है। उनका दावा है कि बीते साल हुए पंचायत चुनावों की तरह लोकसभा चुनावो में भी इलाके के लोग भाजपा का समर्थन करेंगे।

