Lok Sabha Elections: आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट की पेशकश की है, जिससे आगामी आम चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में तनाव काफी बढ़ गया। आम आदमी पार्टी इस समय दिल्ली की सत्ता में काबिज है। लोकसभा चुनावों से पहले सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को आखिरी रूप देने के लिए कांग्रेस और आप के बीच बातचीत चल रही है।
सीट बंटवारे पर आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा कि योग्यता के आधार पर, कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट की हकदार नहीं है, लेकिन ‘गठबंधन के धर्म’ को ध्यान में रखते हुए हम उन्हें दिल्ली में एक सीट की पेशकश कर रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी को 1 सीट और आप को 6 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव देते हैं।
बैठक में नहीं निकला नतीजा
इंडिया गठबंधन पर आप नेता संदीप पाठक ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर हमारी कांग्रेस पार्टी के साथ दो आधिकारिक बैठकें हुईं लेकिन इन बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला। इन दो आधिकारिक बैठकों के अलावा, पिछले 1 महीने में कोई भी बैठक या मीटिंग नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि हम अगली मीटिंग का इंतजार कर रह हैं। कांग्रेस के नेताओं को भी अगली बैठक की जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हमने असम राज्य से तीन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। हमारी पार्टी को उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन इसे स्वीकार करेगा।
कांग्रेस पार्टी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही
कांग्रेस राजधानी में कोई भी चुनावी सफलता नहीं मिलने के बाद दोबारा से अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है। संदीप पाठक ने आगे कहा कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हुई है। एमसीडी चुनाव में कांग्रेस ने 250 में से 9 सीटें जीती हैं।
चार और तीन सीटों के फॉर्मूले पर नहीं बनी बात
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती चर्चाओं के दौरान दिल्ली में 4:3 सीट बंटवारे के फॉर्मूले का सुझाव दिया गया, जिसमें कांग्रेस चार सीटों पर और आप तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, पाठक के बयान से अब यह इशारा मिल रहा है कि दोनों ही पार्टियां किसी भी नतीजे पर पहुंचने में सफल नहीं हो सकी हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस व आप के हाथ एक भी सीट नहीं लगी थी।