10वीं के बाद 11वीं में साइंस स्ट्रीम लेने वाले अधिकतर स्टूडेंट 12वीं पास करने के बाद डॉक्टर और इंजीनियर ही बनना चाहते हैं, क्योंकि यह उनकी प्राथमिकता भी होती है, लेकिन नंबर्स और एडमिशन के कॉम्पिटिशन की रेस में कई बच्चे पीछे रह जाते हैं। ऐसे में उनके पास साइंस स्ट्रीम से अन्य विकल्प तलाश करने का रास्ता ही बचता है। ऐसे बच्चों के लिए विकल्प की बात करें तो लैब टेक्नीशियन और फार्मेसी सेक्टर काफी बेस्ट ऑप्शन नजर आते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको फार्मेसी सेक्टर के बारे में पूरी जानकारी देंगे। इससे जुड़े कोर्स के बारे में बताएंगे। उन कोर्स को करने के बाद आप क्या-क्या कर सकते हैं। यह भी बताएंगे।

आइए पहले जानते हैं कि फार्मेसी सेक्टर आखिर क्या है?

फार्मेसिस्ट की फील्ड काफी बड़ी है। इसमें करियर की अपार संभावनाएं हैं। युवा इस फील्ड को चुनकर अच्छी कंपनियों और अस्पतालों में नौकरी भी पा सकते हैं और अपना बिजनेस भी खड़ा कर सकते हैं। इस सेक्टर में दवाइयों की जानकारी रखना और इनसे जुड़ी रिसर्च के बारे में पढ़ा और सीखा जाता है और आगे करियर भी इसी दिशा में बनता है। आपको दवाओं की अच्छी जानकारी हो जाती है।

इस फील्ड में जाने के लिए कौन-कौन से हैं कोर्स

फार्मेसी सेक्टर को चुनने के लिए आपको कुछ प्रोफेशनल कोर्स करने होते हैं। यह कोर्स 12वीं के बाद किए जा सकते हैं। इस फील्ड को चुनने के लिए डी फार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी) और बी फार्मा (बैचलर इन फार्मेसी) जैसे कोर्स करने होते हैं। डी फार्मा एक डिप्लोमा कोर्स है जो नॉर्मल 1-2 साल का होता है। वहीं बी फार्मा एक डिग्री कोर्स है जो 3 साल का होता है। यह कोर्स देशभर में सरकारी और प्राइवेट संस्थानों से किया जा सकता है।

ये चार कोर्स हैं फार्मेसी सेक्टर में जाने के लिए

डिप्लोमा इन फार्मेसी

बी फार्मा

पोस्टग्रेजुएट इन फार्मा

डॉक्टरेट इन फार्मा

डी फार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी)

फार्मेसी सेक्टर में जाने के लिए यह डिप्लोमा स्तर का एक कोर्स है। इसकी अवधि 1-2 साल होती है। इसमें भी कई प्रकार की कैटेगिरी हैं जैसे- फार्मेसी में डिप्लोमा, पशु चिकित्सा में डिप्लोमा, फार्मास्युटिकल प्रबंधन में डिप्लोमा, हर्बल उत्पादों में पीजी डिप्लोमा, फार्मास्युटिकल गुणवत्ता आश्वासन में पीजी डिप्लोमा, फार्मास्युटिकल में पीजी डिप्लोमा रसायन विज्ञान, फार्माकोविजिलेंस में पीजी डिप्लोमा।

कोर्स की कितनी होती है फीस

डी फार्मा कोर्स की फीस प्रति वर्ष 50,000 से 1,00,000 रुपये के बीच हो सकती है और इस कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने के बाद 12वीं पास विज्ञान के छात्रों को कई फायदे मिलते हैं। डी फार्मा कोर्स 2 साल का होता है, इसलिए 12वीं पास करने के बाद 2 साल में ही युवाओं को प्रोफेशनल हुनर मिल जाता है।

कोर्स के बाद खोल सकते हैं केमिस्ट

डी फार्मा कोर्स पूरा करने के बाद एक सर्टिफिकेट मिलता है जिसके बाद आप मेडिकल स्टोर लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। यह अपना बिजनेस शुरू करने का सबसे बेस्ट ऑप्शन है, क्योंकि दवाईयों में करीब 50-70 फीसदी का मार्जिन होता है।

डी फार्मा करके सरकारी नौकरी भी मिल सकती है

इसके अलावा डी फार्मा कोर्स पूरा करने के बाद फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) या स्टेट फार्मेसी काउंसिल (एसपीसी) से पंजीकरण कर सकते हैं, जिससे उन्हें सरकार या निजी क्षेत्र में फार्मासिस्ट की नौकरी मिल सकती है।

यहां भी बना सकते हैं करियर

डी फार्मा कोर्स पूरा करने के बाद, अस्पताल फार्मेसी, सामुदायिक फार्मेसी, नैदानिक फार्मेसी, दवा नियंत्रण प्रशासन, दवा निर्माण उद्योग, अनुसंधान और विकास में करियर बना सकते हैं।

बी फार्मा (बैचलर इन फार्मेसी)

यह एक प्रकार का डिग्री कोर्स है जो कि सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से किया जा सकता है। इस कोर्स में दाखिला डी फार्मा करने के बाद लिया जा सकता है। इसके साथ उन्हें फार्मेसी में स्नातक की डिग्री मिल जाएगी। यह कोर्स 3-4 साल का होता है। बी. फार्मा कार्यक्रम मुख्य रूप से दवा विज्ञान के कई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है जो दवाओं की खोज, निर्माण, वितरण, मूल्यांकन और उसके बाद के नियंत्रण से संबंधित हैं। बी फार्मा में बैचलर ऑफ फार्मेसी, बी. फार्मा, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री में बैचलर ऑफ फार्मेसी, बी. फार्मा फार्मास्यूटिक्स में, फार्माकोलॉजी में बी. फार्मा जैसे कोर्स होते हैं।

कैसे होता है एडमिशन?

इस डिग्री कोर्स में एडमिशन के लिए कई संस्थान/कॉलेज/विश्वविद्यालय उम्मीदवारों को मेरिट के आधार पर दाखिला देते हैं। वहीं कुछ संस्थान और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन देते हैं। जबकि कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा और मेरिट दोनों का विकल्प देते हैं। उम्मीदवारों के पास 10+2 की शिक्षा पूरी करने के बाद राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर प्रवेश परीक्षा देने का विकल्प होता है।

बी फार्मा में एडमिशन के लिए दी जाने वाली परीक्षाएं

ग्रेजुएट लेवल की परीक्षाएं

फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (जीपीएटी),
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए), और
राष्ट्रीय औषधि शिक्षा संस्थान
अनुसंधान संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एनआईपीईआर जेईई),

राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं

bitsat exam
PU-CET
BHU-CET
UPSEE
MHT-CET

पोस्ट ग्रेजुएट इन फार्मेसी

फार्मेसी सेक्टर में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए उम्मीदवार इन कोर्सेस को चुन सकते हैं।

मास्टर ऑफ़ फ़ार्मेसी (M Pharma)

इस कोर्स में एडमिशन बी फार्मा के बाद लिया जा सकता है। इसमें फ़ार्मेसी के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। इसमें फ़ार्मास्यूटिक्स और फ़ार्मास्युटिकल क्वालिटी एश्योरेंस, फ़ार्माकोलॉजी, और फ़ार्मास्युटिकल केमिस्ट्री जैसे विषय होते हैं।

फ़ार्मास्युटिकल सेल्स एमजीएमटी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पीजीडीपीएसएम)

यह कोर्स विज्ञान और गैर-विज्ञान स्नातकों के लिए है। यह कोर्स उन लोगों के लिए है जो मेडिकल प्रतिनिधि के तौर पर करियर बनाना चाहते हैं।

एमएससी क्लिनिकल फ़ार्मेसी

यह कोर्स गैर-यूके योग्य फ़ार्मासिस्टों के लिए है। यह कोर्स फ़ार्मास्युटिकल केयर देने के लिए नैदानिक कौशल विकसित करने में मदद करता है।

फ़ार्मास्युटिकल मैनेजमेंट में पीजीडीएम

यह कोर्स दो साल का होता है। इसमें व्यवसाय प्रशासन और प्रबंधन, फ़ार्मास्युटिकल उत्पादन प्रबंधन, फ़ार्मा व्यवसायों का वित्तीय प्रबंधन, ब्रांड प्रबंधन, और फ़ार्मास्युटिक की जानकारी दी जाती है।