इसी साल फरवरी में आयोजित हुई यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को पेपर लीक की खबरों के चलते योगी सरकार ने रद्द कर दिया था। उसके बाद सरकार ने यह परीक्षा 23 अगस्त से 31 अगस्त के बीच आयोजित कराई। एक तरफ तो परीक्षा में शामिल हुए 48 लाख कैंडिडेट को रिजल्ट का इंतजार है तो वहीं दूसरी तरफ पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ एक्शन मोड में है। दरअसल, मेरठ एसटीएफ ने यूपी पुलिस पेपर लीक मामले में कुल 38 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

एसटीएफ को अन्य आरोपियों की है तलाश

जानकारी के मुताबिक, 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पहले जा चुकी है और बाकी 20 के खिलाफ चार्जशीट अब कोर्ट भेजी गई है। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यूपी पुलिस का पेपर जिस गिरोह ने लीक किया था उसके कुछ सदस्यों की भी तलाश अभी जारी है। एसटीएफ ने बताया है कि गिरोह के सदस्य पुष्कर पांडेय और दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं। इस गिरोह के ज्यादातर आरोपी बिहार, एमपी, दिल्ली और हरियाणा के हैं।

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सबसे पहली गिरफ्तारी हुई थी मार्च में

बता दें कि यूपी एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने सबसे पहले मार्च 2024 में कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अरेस्ट किए गए आरोपियों में दीप, बिट्टू, प्रवीण, रोहित, साहिल और नवीन नाम के शख्स शामिल हैं। एसटीएफ ने बताया था कि इन आरोपियों ने गुरुग्राम, मानेसर और मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित एक रिसॉर्ट में 1200 अभ्यर्थियों को यूपी पुलिस का पेपर दिया था।

रवि अत्री गैंग का आया था नाम

एसटीएफ ने जांच में बताया था कि यूपी पुलिस का फरवरी में हुआ पेपर रवि अत्री गैंग ने अहमदाबाद स्थित कंपनी के वेयरहाउस में लीक कराया था। एसटीएफ ने रवि अत्री गैंग के 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में 50 से ज्यादा आरोपियों के नाम का खुलासा हुआ था। इनमें यूपी, बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश के आरोपियों का नाम शामिल है।