यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) ने 20 यूनिवर्सिटी को फर्जी घोषित कर दिया है। इनमें दिल्ली के आठ विश्वविद्यालय भी शामिल है। यूजीसी ने कहा कि इन संस्थानों को छात्रों को कोई भी डिग्री देने का अधिकार नहीं है। दिल्ली के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल में भी फर्जी विश्वविद्यालय हैं।

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा कि यूजीसी के संज्ञान में यह आया है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं। ऐसे विश्वविद्यालयों की ओर से प्रदान की गई डिग्री की न तो मान्यता होगी और न ही उच्च शिक्षा या रोजगार प्रयोजन के लिए मान्य होगी। इन विश्वविद्यालयों को कोई डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है।

दिल्ली में आठ फेक यूनिवर्सिटी

दिल्ली में आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इनमें अखिल भारतीय सार्वजनिक और शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान, व्यावसायिक विश्वविद्यालय, एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान, स्व-रोजगार के लिए विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय शामिल हैं।

यूपी में चार फर्जी विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश में चार फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इनमें गांधी हिंदी विद्यापीठ, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (मुक्त विश्वविद्यालय) और भारतीय शिक्षा परिषद शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल में भी फर्जी विश्वविद्यालय हैं।

इन राज्यों में भी फर्जी विश्वविद्यालय

आंध्र प्रदेश में क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया को फेक घोषित किया गया है। पश्चिम बंगाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च को फर्जी घोषित किया है। वहीं, कर्नाटक की बदगानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, केरल की सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी को फर्जी घोषित किया गया है। महाराष्ट्र की राजा अरबी यूनिवर्सिटी, पुडुचेरी की श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

पिछले साल यूजीसी ने 21 विश्वविद्यालयों की एक लिस्ट जारी की थी जिसमें इन यूनिवर्सिटीज़ को फर्जी बताया गया था। इस साल भी कई विश्वविद्यालयों का नाम इस लिस्ट में है। यूजीसी के अनुसार, विश्वविद्यालय केवल तभी डिग्री देने के लिए अधिकृत हैं, जब वे केंद्रीय, राज्य/प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित हों, या उन्हें डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता प्राप्त हो। इसके अलावा, संसद के एक अधिनियम द्वारा विशेष रूप से सशक्त संस्थानों को भी छात्रों को डिग्री प्रदान करने का विशेषाधिकार है।