दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इस सप्ताह की शुरुआत से लगातार बारिश का दौर जारी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, आज शहर में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक के साथ तेज़ हवाओं की संभावना है, जिनकी गति 40 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।

दिल्ली एनसीआर में स्कूल और कॉलेज खुलेंगे या बंद?

अस्थिर मौसम के बावजूद दिल्ली सरकार या शिक्षा निदेशालय (DoE) की तरफ से आज स्कूलों या कॉलेजों को बंद करने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। नोएडा (गौतम बुद्ध नगर), ग्रेटर नोएडा, गाज़ियाबाद और गुड़गांव में भी बारिश के चलते स्कूल बंद रखने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इसलिए माता-पिता और छात्र अपने-अपने स्कूल या कॉलेज से सीधे संपर्क कर सकते हैं ताकि वे किसी भी ताजा जानकारी से वाकिफ़ रहें।

आज का मौसम

मंगलवार के मुकाबले बुधवार को दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 31-33°C और न्यूनतम 20-22°C के बीच रहने की संभावना है। सुबह की दिशा में हवाएं 5-10 किमी/घंटा की रफ्तार से उत्तर-पूर्वी दिशा से चलेंगी, जो दोपहर में 10-15 किमी/घंटा की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा में बदल जाएगी और शाम और रात में इसी गति से बनी रहेंगी। गुरुवार को शहर में अधिकतर समय साफ़ आकाश रहने की संभावना है। तापमान बुधवार के समान रहेगा और हवाएँ 5-10 किमी/घंटा की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा से चलेंगी।

दिल्ली का पहला कृत्रिम वर्षा परीक्षण स्थगित

दिल्ली में पहला कृत्रिम वर्षा परीक्षण अभी स्थगित कर दिया गया है। मेरठ में क्लाउड-सीडिंग तकनीक से लैस विमान तैयार होने के बावजूद मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण परीक्षण टाल दिया गया है।

पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को पर्यावरण विभाग के अधिकारियों और IIT कानपुर की तकनीकी टीम के साथ विमान का निरीक्षण किया। मंत्री ने कहा कि परीक्षण “किसी भी दिन” किया जा सकता है जब IMD मौसम की साफ़-सुथरी जानकारी दे। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही बारिश न होने की पुष्टि होगी, परीक्षण तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण दिल्ली में जलजमाव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है। नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें और फ्लड-प्रोन इलाकों में न जाएं। वहीं, किसानों के लिए यह बारिश फसल के लिए लाभकारी हो सकती है, खासकर गेहूं और सरसों की बुवाई के लिए।