केंद्र सरकार ने 23 दिसंबर 2024, सोमवार को शिक्षा में सुधार के लिए एक जरूरी कदम उठाते हुए No Detention policy को खत्म कर दिया। सरकार के इस फैसले के बाद अब 5वीं और 8वीं के बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट होने के लिए परीक्षा को पास करना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार ने दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला भी किया है। बता दें कि यह पॉलिसी बच्चों के राइट टू एजुकेशन एक्ट में संशोधन के बाद दिसंबर 2010 में लागू की गई थी।
पॉलिसी पर उठे थे सवाल
जब इस पॉलिसी को लागू किया गया था तो उस वक्त भी इस पर सवाल उठे थे, क्योंकि परीक्षा में फेल होने के बाद भी अगली क्लास में प्रमोट किया जाना ये हर किसी को अजीब लगा था, लेकिन अब जब इस पॉलिसी को खत्म कर दिया गया तो बच्चों के अभिभावक काफी खुश हैं। वहीं सरकार के इस फैसले से एक्सपर्ट भी सहमत हैं। CBSE की गवर्निंग बॉडी की सदस्य डॉक्टर ज्योति अरोड़ा का मानना है कि यह बदलाव सराहनीय है।
पढ़ाई के स्तर में आएगा सुधार- दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष
इस पॉलिसी के खत्म हो जाने के बाद दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने भी सरकार के इस फैसले की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा में सुधार की दिशा में यह फैसला काफी सही लिया गया है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों की बात करें तो अभी तक पैरेंट्स बच्चे की पढ़ाई को लेकर ज्यादा सीरियस नहीं थे, क्योंकि उन्हें पता था कि उनका बच्चा पास तो हो ही जाएगा, लेकिन अब पढ़ाई के स्तर में काफी सुधार आएगा।
दिल्ली में दिखा था पॉलिसी के हटने का असर
बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस नो डिटेंशन पॉलिसी को पिछले साल ही हटा दिया गया था और इसका असर देखने को भी मिला था। आंकड़ों के अनुसार, 9वीं में पढ़ने वाले 1 लाख से अधिक और 11वीं में 50 हजार से अधिक बच्चे वार्षिक परीक्षा में फेल हो गए थे। यह वहीं बच्चे थे जो डिटेंशन पॉलिसी का लाभ लेकर अगली क्लास में प्रमोट हुए थे।
क्या था इस पॉलिसी में?
नो डिटेंशन पॉलिसी में 6 से 14 साल तक ‘राइट टू एजुकेशन’ के तहत किसी भी स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चे को आठवीं तक प्रारंभिक शिक्षा होने तक किसी भी कक्षा में दोबारा नहीं पढ़ाया जाएगा। अब सरकार ने इस प्रावधान को खत्म कर दिया है। अब अगर कोई बच्चा फेल होता है तो उसे दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देनी होगी और अगर वो वहां भी फेल होता है तो उसे उसी क्लास में दोबारा पढ़ना होगा। हालांकि स्कूल से बच्चे का नाम नहीं काटा जा सकता।