अधिकतर मां-बाप अपने बच्चे को डॉक्टर या फिर इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन पैसों के अभाव में वह सपना पूरा नहीं हो पाता। खासकर MBBS की पढ़ाई बहुत महंगी होती है। भारत में डॉक्टरी का कोर्स प्राइवेट कॉलेजों में 3 लाख से 25 लाख की फीस के बीच में होता है और यह फीस सालाना होती है। वहीं सरकारी कॉलेजों में यह 10 हजार से 50 हजार के बीच होता है, लेकिन सरकारी कॉलेजों में हर किसी का दाखिला नहीं हो पाता। ऐसे में पैरेंट्स के पास अपने बच्चे को विदेश से MBBS कराने का विकल्प नजर आता है।

बाहर से MBBS करने के बाद भारत में क्या करना होता है?

विदेश में भारत के मुकाबले MBBS की पढ़ाई का खर्च काफी कम आता है। जैसे जर्मनी, रूस, कजाकिस्तान, फिलीपींस और चीन में MBBS का कोर्स सस्ता होता है। आइए हम आपको ऐसे ही कुछ देशों के बारे में बताते हैं, जहां आप अपने बच्चे को डॉक्टरी करा सकते हैं। हालांकि विदेश में MBBS करने के बाद भारत में नौकरी पाने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं। ऐसें कैंडिडेट्स को भारत में फ़ॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (FMGE) परीक्षा देनी होती है।

साल में दो बार होती है परीक्षा

इस परीक्षा को पास करने के बाद ही आपको भारत में डॉक्टरी करने की परमिशन मिलती है। इस एग्जाम को मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया स्क्रीनिंग टेस्ट भी कहा जाता है। FMGE एग्जाम नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्ज़ामिनेशन इन मेडिकल सर्विसेज़ (NBE) की ओर से कंडक्ट कराया जाता है। यह परीक्षा साल में दो बार होती है। एक बार जून में और एक बार दिसंबर में यह परीक्षा आयोजित कराई जाती है।

भारत में 1 साल की इंटर्नशिप भी करनी होती है

इस परीक्षा को पास करने के बाद भारत में एक साल की इंटर्नशिप भी अनिवार्य है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक नोटिस भी जारी किया था। उस नोटिस में कहा गया था कि विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करके आने वाले छात्रों को भारत में कम से कम 12 महीने की इंटर्नशिप करनी होगी।

इन देशों में एमबीबीएस की पढ़ाई का खर्चा है कम

रूस– भारत से हर साल मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स रूस और चीन जाते हैं। रूस में अन्य देशों के मुकाबले मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती होती है। हालांकि यहां भी एमबीबीएस करने के लिए नीट का स्कोर जरूरी है और यह कोर्स 6 साल का होता है। रशिया में एमबीबीएस का औसतन खर्चा लगभग 29 से 30 लाख रुपये आता है।

चीन- वैसे तो सीमा पर भारत के चीन के साथ संबंध आए दिन खराब होते रहते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी चीन में भारत से लाखों की संख्या में बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई करने जाते हैं। चीन में भी एमबीबीएस का कोर्स 6 साल का होता है, जिसमें 5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप होती है। चीन में भारतीयों के एमबीबीएस करने की एक बड़ी वजह यह भी है कि चीन विदेशी छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान करता है। यहां इस कोर्स का खर्चा 29 से 30 लाख रुपये आता है।

फिलीपींस- इस देश में MBBS की पढ़ाई काफी सस्ती मानी जाती है। यहां एमबीबीएस की पढ़ाई का खर्च 20 से 22 लाख रुपये आता है और यह कोर्स 5.5 से 6.5 साल का होता है। हर साल हजारों छात्र यहां डॉक्टरी की पढ़ाई करने जाते हैं। फिलीपींस के मेडिकल कॉलेजों में फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) के जरिए एडमिशन मिलता है।

कजाकिस्तान- मध्य एशिया के इस देश में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है। यहां MBBS की पढ़ाई 25 लाख रुपये में हो जाती है। यहां MBBS करने के लिए 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।