पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की छात्र इकाई को मायूसी हाथ लगी है।आरएसएस से संबंध रखने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को केवल महासचिव पद से ही संतोष ही करना पड़ा है। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के पिछले साल के चुनाव में जेडीयू छात्र इकाई ने अध्यक्ष और खजांची के पदों पर जीत दर्ज की थी। एबीवीपी की प्रियंका श्रीवास्तव ने महासचिव का पद हासिल किया था, लेकिन इस बार बाजी हाथ से निकल गई है। बता दें कि इस बार पप्पू यादव की पार्टी को अच्छी शुरुआत मिली है और जीत हासिल की है।

पप्पू यादव की पार्टी को मिली जीतः पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के रविवार (08 दिसंबर) को जारी परिणाम में प्रियंका अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं पर एबीवीपी के उपाध्यक्ष एवं संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवारों को हार का समाना करना पड़ा। वामपंथी एआईएसएफ समर्थन प्राप्त मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी की छात्र इकाई के उम्मीदवार मनीष कुमार और अमीर रजा अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए निर्वाचित हुए हैं।

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पप्पू यादव ने उम्मीदवारों की जीत पर जताई खुशीः इस चुनाव में एआईएसएफ की कोमल कुमारी खजांची और लालू प्रसाद की पार्टी राजद की छात्र इकाई के उम्मीदवार निशांत कुमार उपाध्यक्ष पद पर विजयी हुए हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में हार झेलने वाले पप्पू यादव ने अपने उम्मीदवारों की जीत पर खुशी जताई है। इसके बाद उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर टिप्पणी कर कहा, ‘यह सिर्फ एक जीत नहीं है बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। हम गणितज्ञ नारायण सिंह को अपनी सफलता सर्मिपत करते हैं।’

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एबीवीपी के खराब प्रदर्शन पर बीजेपी प्रवक्ता ने किया ट्वीटः बता दें कि नारायण सिंह लंबे समय से मानसिक बीमारी से ग्रस्त थे और पिछले ही महीने इस बीमारी से लड़ते हुए दम तोड़ दिया था। वह पटना विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे। वहीं भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एबीवीपी के खराब प्रदर्शन को अपनी पार्टी से जोड़े जाने पर ट्वीट कर कहा ‘अन्य राजनीतिक दलों की तरह एबीवीपी भाजपा का छात्र संगठन नहीं है, लेकिन हम वैचारिक रूप से एक-दूसरे के साथ हैं। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लंबे गैप के बाद निरंतरता में आया है। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ परिसर के सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई।’

जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के दौरे से हुआ था बवालः वहीं पिछले साल छात्र जेडीयू के उम्मीदवारों की जीत के बाद मुख्यमंत्री की पार्टी और उनके सहयोगी दल भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला था पर बाद में दोनों दलों ने चुनाव परिणाम को लेकर चुप्पी साध ली थी। पिछले साल जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के चुनाव से ठीक पहले पटना विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के कार्यालय का दौरा किए जाने पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद एबीवीपी समर्थकों ने उनके वाहन पर पथराव कर दिया था और उन पर छात्रसंघ चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया था।