नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के हालिया सर्वे से पता चला है कि हरियाणा, तेलंगाना, मणिपुर और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में प्राथमिक (Primary) शिक्षा लेने वाले अधिकतर बच्चे सरकारी स्कूलों की तुलना में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। इसका अर्थ है कि इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में कक्षा 1 से कक्षा 5वीं में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी स्कूलों का आंकड़ा प्राइवेट स्कूल से ज्यादा है।
पहली बार हुआ ऐसा सर्वे
पिछले महीने जारी किए गए व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण (CAMS) 2022-23 के अनुसार, कक्षा 1 से 5वीं तक हरियाणा, मणिपुर, तेलंगाना और पुडुचेरी (केंद्र शासित प्रदेश) में सरकारी स्कूलों की तुलना में ज़्यादा बच् प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। यह पहला सर्वे है जो इन तीन राज्यों के 2021-22 UDISE सर्वेक्षण (शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली) के निष्कर्षों की पुष्टि करता है।
तीन राज्यों और पुडुचेरी का आंकड़ा कैसा है?
CAMS सर्वेक्षण के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर कक्षा 1-5वीं तक के 23.4 फीसदी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं जबकि सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा 66.7 फीसदी है। अब बात करें हरियाणा की तो यहां प्राइवेट स्कूलों का आंकड़ा 45.6 फीसदी है जबकि सरकारी स्कूलों में 40.2 फीसदी बच्चे पढ़ते हैं।
तेलंगाना में 57.5 फीसदी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में और 30.5 फीसदी सरकारी स्कूलों में हैं।
मणिपुर में प्राथमिक स्कूली बच्चों का प्रतिशत सबसे ज़्यादा 74 फीसदी प्राइवेट स्कूलों का है, जबकि सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा 21 फीसदी है।
बंगाल में सबसे कम है यह आंकड़ा
इनके अलावा पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है जहां पर प्राइमरी शिक्षा लेने वाले अधिकतर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। पश्चिम बंगाल में ऐसे बच्चों की प्राइवेट स्कूलों में संख्या सिर्फ 5 फीसदी है। इसके बाद त्रिपुरा (6.2%) और ओडिशा (6.3%) का नाम आता है।