उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती री-एग्जाम की तारीख अभी जारी नहीं हुई है। इसको लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष इसको लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। प्रदेश में यूपी पुलिस कांस्टेबल री-एग्जाम की तारीख इस वक्त एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, लेकिन इन सबके बीच कई सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया ऐसी है जो कई महीनों से लंबित पड़ी हुई है। इन भर्ती प्रक्रियाओं में हजारों उम्मीदवारों का भविष्य दांव पर है। यह लंबित भर्ती प्रक्रियाएं प्रशासनिक चुनौतियों और प्रक्रियात्मक सिस्टम में कमी को उजागर करती हैं।

कुल 24 भर्तियों के पूरे होने का है इंतजार

यूपी में कई सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया ऐसी हैं जहां किसी का रिजल्ट लंबित है तो किसी की अभी तक परीक्षा नहीं हुई है और अगर किसी भर्ती में परीक्षा और रिजल्ट दोनों हो गए हैं तो वहां अभी इंटरव्यू होना बाकि है। यूपी में 2015 से 2024 तक कुल 24 भर्ती ऐसी हैं जहां परीक्षा परिणाम से लेकर उम्मीदवारों की नियुक्ति तक का काम अधर में लटका हुआ है।

यूपी में अधर में लटकी हैं यह भर्ती प्रक्रियाएं

  1. 2015 में कुल 39 पद के लिए मानचित्रकार भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। इसकी परीक्षा हो चुकी है और उसका रिजल्ट भी आ गया, लेकिन अब इंटरव्यू लंबित है।
  2. 2016 में आईटीआई अनुदेशक की भर्ती में 293 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। इसका भी इंटरव्यू लंबित है।
  3. 2016 में 476 पदों के लिए सहायक शोध अधिकारी/दिग्ध पर्यवेक्षक व अन्य के लिए इंटरव्यू लंबित है।
  4. 2016 में 292 पदों के लिए निकली सम्मिलित तकनीकी सेवा की परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आना बाकी है।
  5. 2018 में ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी व अन्य के लिए निकली 1953 पदों की भर्ती का फाइनल रिजल्ट आना अभी बाकी है।
  6. 2018 में ही 1388 पदों के लिए सम्मिलित अवर अभियंता एवं संगणक परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आना बाकी है।
  7. 2018 में मंडी परिषद परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आना बाकी है।
  8. 2019 में फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती निकली थी। कुल 655 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित हुए थे, लेकिन इसका भी फाइनल रिजल्ट आना बाकी है।

इसके अलावा इन सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया भी है लंबित