केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2020-21 सत्र के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस 30 प्रतिशत कम कर दिया है। सीबीएसई के सिलेबस से 30 प्रतिशत की कटौती में कुछ चैप्टरों को हटाने पर तमाम बड़ी पार्टियों ने अपत्ति जाहिर की है। इनमें दिल्ली के शिक्षा मंत्री व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर और सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हैं। COVID-19 महामारी के कारण लिए गए इस फैसले के बाद सीबीएसई पाठ्यक्रम कम करने को लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। अब केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपनी तरफ से सफाई दी है।
CBSE 10th, 12th Result 2020 Latest Update: Check here
वहीं दूसरे ओर, CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए छात्रों का रिजल्ट जल्द जारी होने वाला है। गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्विटर अकाउंट पर एक नोटिफिकेशन के साथ सीबीएसई रिजल्ट की तारीख और समय की घोषणा की गई। एजेंसी द्वारा किए किए गए ट्विट में, 10वीं के रिजल्ट 11 जुलाई और 12वीं के रिजल्ट 13 जुलाई को शाम 4 बजे जारी होने की बात कही गई थी। हालांकि बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया था। कुछ समय बात ही, ani ने माफी मांगते हुए नोटिस को गलत बताया है। बोर्ड ने भी वायरल हो रहे नोटिस के fake होने की सूचना दी है। दरअसल, सीबीएसई बोर्ड ने पिछले माह ही यह जानकारी दी थी कि परीक्षा के रिजल्ट अब बगैर परीक्षा आयोजित कराए 15 जुलाई तक जारी कर दिए जाएंगे। बोर्ड रिजल्ट से पहले रिलीज डेट और समय आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जा सकती है।
CBSE New Syllabus 2020-21: Check Here
बोर्ड ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षाओं के रिजल्ट 06 जुलाई से 15 जुलाई तक जारी किए जाएंगे। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार अभी से अपने रिजल्ट का इंतजार करने लगे हैं। रिजल्ट 15 जुलाई से पहले ही जारी कर दिए जाएंगे। छात्र किसी भी फेक न्यूज़ के झांसे में न आएं।
कक्षा 11वीं- राजनीति विज्ञान से नागरिकता, राष्ट्रवाद एवं धर्मनिरपेक्षता, भारत में स्थानीय निकाय का विकास। भौतिक विज्ञान से भौतिक संसार, गति का सिद्धांत, गुरुत्वाकर्षण आदि।
कक्षा 12वीं- समकालीन विश्व में सुरक्षा, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन, भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार से संबंध समेत अन्य दो अध्याय। मैग्नेटिज्म एवं मैटर समेत अन्य कई टॉपिक शामिल नहीं। इसके अलावा गणित, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, इतिहास आदि सभी विषयों का कोर्स कम हुआ है।
भूगोल से वन्य एवं वन्य जीवन समेत तीन पाठ और इतिहास से भी दो पाठ हटाए गए हैं। गणित से त्रिकोण का क्षेत्रफल समेत कई प्वॉइंट। अंग्रेजी ग्रामर से पैसिव वॉयस के इस्तेमाल, प्रीपोजिशन और लिटरेचर से 5 चैप्टर
सामाजिक विज्ञान से जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, भारत में खाद्य सुरक्षा।
गणित से क्षेत्रफल का पूरा चैप्टर।
अंग्रेजी ग्रामर से पैसिव वॉयस के इस्तेमाल, प्रीपोजिशन और लिटरेचर से पांच चैप्टर
काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) लंबित ICSE और ISC की बोर्ड परीक्षा को आयोजित किए बिना ही परिणाम घोषित करने वाला है। CISCE से 10वीं और 12वीं के छात्रों का इंतजार कल खत्म हो सकता है। CISCE ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट http://www.cisce.org पर नोटिस जारी कर बताया कि, 10वीं और 12वीं क्लास के परिणाम 10 जुलाई को 3 बजे जारी किए जाएंगे। छात्र अपना स्कोरकार्ड बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org, results.cisce.org पर देख सकते हैं। ये है पूरी डिटेल
छात्रों और पैरेंट्स को जैसे ही बोर्ड द्वारा फेक नोटिस की जानकारी मिली तो सोशल मीडिया पर मजाकिया मीम्स और चुटकुलों के साथ #CBSEResults2020 ट्रेंड करना शुरू कर दिया। यहां आप सोशल मीडिया पर नकली नोटिस को लेकर आई मजेदार प्रतिक्रिया का लुत्फ उठा सकते हैं। देखें मजेदार मीम्स
मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक ट्वीट में लिखा था, “लर्निंग अचीवमेंट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सिलेबस को 30 फीसदी कम करने का फैसला लिया गया है.” उन्होंने कहा कि कोर कॉन्सेप्टस को इस सिलेबस में रखा गया है।
CBSE बोर्ड ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी फेक नोटिस वायरल होने की सूचना दी है। साथ ही, बोर्ड ने छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों को ऐसे किसी भी नोटिस पर विश्वास नहीं करने की सलाह दी है। परिणाम की अधिसूचना आधिकारिक वेबसाइट- cbse.nic.in पर उपलब्ध की जाएगी।
सीबीएसई 10वीं और 12वीं रिजल्ट डेट और समय की गलत जानकारी वाले नोटिस पर एक वरिष्ठ अधिकारी के हस्ताक्षर का भी इस्तेमाल किया गया है। हालांकि ये नोटिस पूरी तरह से फेक है जिसका कोई आधार नहीं है।
बोर्ड रिजल्ट जारी करने को लेकर fake न्यूज का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक नोटिस तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें रिजल्ट जारी करने की तारीख के साथ-साथ समय भी दिया गया है। जानें पूरी जानकारी-
गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्विटर अकाउंट पर एक नोटिफिकेशन के साथ सीबीएसई रिजल्ट की तारीख और समय की घोषणा की गई।
सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा।
10वीं की भूगोल से वन्य एवं वन्य जीवन समेत तीन पाठ और इतिहास से भी दो पाठ हटाए गए हैं। कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान से जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, भारत में खाद्य सुरक्षा आदि चैप्टर को हटाया गया है। 10वीं गणित से त्रिकोण का क्षेत्रफल समेत कई टॉपिक जबकि 9वीं से क्षेत्रफल का पूरा चैप्टर हटाया गया है। 9वीं व 10वीं की अंग्रेजी ग्रामर से पैसिव वॉयस के इस्तेमाल, प्रीपोजिशन आदि और लिटरेचर से पांच-पांच पाठ कम किए गए है। कक्षा 9 व 10 कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय से यूनिट चार स्क्रैच को हटा दिया गया है।
कक्षा 9 में सामाजिक विज्ञान की किताब से हटाये गए पांच अध्यायों में से एक ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ भी है। बोर्ड का कहना है कि इस चैप्टर को पूरी तरह से हटा दिया गया है।
सीबीएसई ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस 30% तक काट दिया है। पाठ्यक्रम में कटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।
बोर्ड ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षाओं के रिजल्ट 06 जुलाई से 15 जुलाई तक जारी किए जाएंगे। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार कल से ही अपने रिजल्ट का इंतजार करना शुरू कर देंगे। रिजल्ट 15 जुलाई से पहले ही जारी कर दिए जाएंगे।
- सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।
- शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।
- स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।
- क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
पैरेंट्स ने कोर्ट के सामने कहा था कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं रद्द कर दी गई।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर देगा। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
- जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक मिलेंगे
- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 2 का औसत तथा
- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं, उनके इंटरर्नल के नंबर तथा प्रैक्टिकल के स्कोर का औसत।
CBSE बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों या अभिभावकों से नंबर बढ़ाने के पैसे मांगे जाते हैं और उन्हें पैसे दिए जाते हैं तो ऐसे में छात्र या अभिभावक की भी गलती मानी जाएगी। बोर्ड किसी भी तरह से इसका जिम्मेदार नहीं होगा।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं आयोजित की जाएंगी। 9वीं और 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट्स, टेस्ट, टर्म एग्जाम आदि के आधार पर पास करने के लिए कहा गया है।
लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड समेत अन्य कई बोर्ड ने इससे निपटने के लिए ई-लर्निंग का तरीका निकाला है। ई-लर्निंग के जरिए छात्र अपने घरों में रहकर भी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों, अभिभावकों और मीडिया को भी इस नोटिफिकेशन के जरिए सूचित किया है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और बोर्ड के आधिकारिक हैंडल पर आधिकारिक घोषणाओं की जांच करें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा, परिणाम को लेकर 'फर्जी खबर' फैलाने की कोशिश करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। इस संबंध में बोड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिस भी जारी की है जिसमें पूरी जानकारी मौजूद है।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
इतिहास में औद्योगिकीकरण; गणित में ट्राएंगल और फ्रस्ट्रम का क्षेत्रफल; और विज्ञान में, धातुओं और अधातुओं के भौतिक गुण, और 'टिंडल प्रभाव' उन टॉपिक्स और विषयों में से हैं जिनका अगले साल कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा में मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि इन्हें राष्ट्रीय शैक्षिक परिषद द्वारा "सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट या प्रोजेक्ट" के माध्यम से कवर किया जाएगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट में मामला आने के बाद बोर्ड ने अब परीक्षाएं रद्द कर दी हैं और रिजल्ट जारी करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
सिलेबस में से कोई पूरा चैप्टर को हटाने के बजाय, बोर्ड ने NCERT से उन टॉपिक्स के बारे में सुझाव देने के लिए कहा जो या तो दोहराए गए या किसी दूसरे चैप्टर में कवर हो गए हैं। इस तरह पूरा चैप्टर हटाने के बजाय केवल टॉपिक्स को कम करके सिलेबस को कम करने की योजना बनाई जा रही है।
COVID19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान खराब हुए अकादमिक टाइम की भरपाई के लिए बोर्ड ने अब अगले सत्र के लिए सिलेबस कम करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने पाठ्यक्रम को कम करने में CBSE की सहायता की है।
सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, "महामारी का उपयोग करते हुए, मोदी सरकार भारत की विविधता, बहुलता, लोकतंत्र आदि से निपटने वाले वर्गों को हटा रही है जो हमारे उच्चतर माध्यमिक पाठ्यक्रम से संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखते हैं।"
अपडेट सिलेबस के अनुसार, बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम युक्तिकरण अभ्यास में लोकतंत्र और विविधता, विमुद्रीकरण, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, भारत के अपने पड़ोसियों और भारत में स्थानीय सरकारों के संबंधों के साथ अध्यायों को छोड़ दिया है।
कोरोनावायरस महामारी के दौरान छात्रों की पढ़ाई के बारे में बताते हुए HRD मंत्री ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देते रहे हैं। वहीं जो छात्र इंटरनेट के जरिए पढ़ाई नहीं कर सकते हैं उन्हें दूरदर्शन और रेडियो के उपयोग द्वारा उन छात्रों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर देगा। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक मिलेंगे - जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 2 का औसत तथा - जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं, उनके इंटरर्नल के नंबर तथा प्रैक्टिकल के स्कोर का औसत।
कोविड -19 महामारी के कारण, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों पर बोझ कम करने के लिए कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस को 30 प्रतिशत तक कम करने का फैसला किया है।
जिन छात्र ने तीन ही विषयों के पेपर दिए होंगे। ऐसे छात्रों का असेसमेंट बेस्ट टू (दो) से किया जाएगा। इसमें भी सबसे अधिक दो अंक लेने वाले विषयों के अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके आधार पर बचे हुए पेपर का अंक स्कोर निकलेगा।
जिन छात्रों ने सिर्फ एक या दो विषयों के पेपर ही दिए होंगे। ऐसे छात्रों के रिजल्ट तैयार करने के लिए उनके इन विषयों की परफारमेंस, इंटरनल प्रैक्टिकल असेसमेंट के अंकों को जोड़कर असेसमेंट होगा। हालांकि इस प्रकार में छात्रों की संख्या बेहद कम है और अधिकतर छात्र दिल्ली के ही हैं।
सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट के सामने बताया कि 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. लेकिन 12वीं के बच्चों को पेपर देने का विकल्प भी दिया गया है, अगर वो पेपर देना चाहते हैं तो परीक्षा कराई जाएंगी, मगर ये तभी हो सकेगा जब कोरोनावायरस का खतरा कम हो जाएगा.
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत।