भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरिज के ब्रिस्बेन में खेले गए दूसरे वनडे में सात विकेट से हार झेलनी पड़ी। भारतीय टीम ने पहले खेलते हुए 308 रन बनाए लेकिन गेंदबाज इसका बचाव नहीं कर पाए। इसके साथ ही टीम इंडिया सीरिज में 2-0 से पिछड़ गई। ब्रिस्बेन वनडे में भारत ने बेशुमार गलतियां की और मैच गंवा दिए। भारत को महंगी पड़ी ये पांच गलतियां:
घटिया फील्डिंग
भारतीय खिलाडि़यों ने इस मैच में घटिया फील्डिंग के रिकॉर्ड तोड़े। ऐसा लग रहा था मानो भारतीय फील्डर मक्खन में डूब कर आए थे। कई आसान कैच टपकाए तो रनआउट करने के मौके भी जी भर के गंवाए। इसी का नतीजा था कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बाउंड्री न मिलने पर आसानी से सिंगल डबल रन लिए। इसके चलते गेंदबाजों का बनाया दबाव हट गया। ईशांत शर्मा और मनीष पांडे ने शॉन मार्श के आसान कैच छोड़े तो अजिंक्या रहाणे और बरेंदर सरन मुश्किल मौकों को भुना नहीं पाए।
ईशांत का कैच छोड़ना
अगर ईशांत शर्मा शॉन मार्श का कैच लपक लेते तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में होता। जिस समय यह मौका आया था उस समय कंगारू बल्लेबाज दबाव में थे और रनों के लिए तरस रहे थे। इसी का नतीजा था कि मार्श ने रवीन्द्र जडेजा की गेंद को उठाकर मारा। लेकिन ईशांत कैच छोड़ बैठे। यह निसंदेह मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इसके बाद मार्श और आरोन फिंच ने बिना डर के बल्लेबाजी की।
स्लॉग ओवर्स में विकेट खोना
भारत को एक बार फिर से रोहित शर्मा और विराट कोहली बड़े स्कोर की ओर ले गए। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 125 रन जोड़े। जिस समय ये दोनों क्रीज पर थे 330 रन आसानी से बनते दिख रहे थे। लेकिन भारतीय बल्लेबाज स्लॉग ऑवर्स में लय गंवा बैठे। 40 ओवर में भारत का स्कोर दो विकेट पर 233 रन था और रोहित शर्मा व अजिंक्या रहाणे क्रीज पर थे। लेकिन आखिरी 10 ओवर में भारत केवल 75 रन बना पाया और उसने छह विकेट गंवा दिए। इनमें रोहित, रहाणे, कप्तान एमएस धोनी, मनीष पांडे, अश्विन और रवीन्द्र जडेजा के विकेट शामिल थे।
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विकेट के बीच खराब दौड़
बल्लेबाजों की मददगार ब्रिस्बेन की पिच पर भारत के दो बल्लेबाज खराब दौड़ की वजह से पवैलियन लौटे। विराट कोहली अच्छे रंग में थे और लग रहा था कि वे भी शतक लगाएंगे। लेकिन अपने ही शॉट पर दो रन लेने की चाहत ने उन्हें आउट करा दिया। वहीं रोहित शर्मा को भी शतक बनाने के बाद लापरवाही ले डूबी। वे अजिंक्या रहाणे के शॉट पर काफी बाहर निकल और गेंद जेम्स फॉकनर के हाथ से लगकर स्टंप्स में चली गई। कोहली और रोहित अगर इस तरह से आउट नहीं होते तो भारत का स्कोर ज्यादा होता और शायद मैच का नतीजा भी।
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फिनिशर की कमी
टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। ब्रिस्बेन वनडे में भी यह दौर जारी रहा। धोनी ब्रिस्बेन वनडे में जिस समय क्रीज पर आए उस समय 48 गेंदें बची थी और टीम मजबूत स्थिति में थी। धोनी से उम्मीद थी कि वे भारतीय पारी को फिनिशिंग टच देकर मजबूत स्कोर तक पहुंचाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वे 10 गेंद में 11 रन बनाकर चलते ने। उनके बाद आए मनीष पांडे भी नाकाम रहे तो रवीन्द्र जडेजा ने भी निराश किया। ऐसे मौके पर फिनिशर की कमी खली।
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