भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर फिर हमला बोला। स्वामी ने उनके खिलाफ छह आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें तत्काल इस पद से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि राजन ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर लघु एवं मझोले उद्योगों का नुकसान किया। गवर्नर को ब्याज दर बढ़ाने और उसे ऊंचा रखने के नतीजों के बारे में समझना चाहिए था। उनकी यह नीति जानबूझकर थी, इसके पीछे मंशा राष्ट्र विरोधी थी।
उन्होंने यह दावा भी किया कि राजन शिकॉगो विश्वविद्यालय के अपने ईमेल आईडी के जरिए गोपनीय व संवेदनशील वित्तीय सूचनाएं भेजते रहे हैं जो असुरक्षित है। इसके अलावा वे सार्वजनिक तौर पर भाजपा सरकार का अपमान करते रहे हैं। स्वामी ने कहा कि उन्होंने रिजर्व बैंक गवर्नर पर जो छह आरोप लगाए हैं, प्रथम दृष्टया वे सही हैं। ऐसे में राष्ट्र हित में राजन को तत्काल बर्खास्त किए जाने की जरूरत है। मोदी को एक पखवाड़े में लिखे दूसरे पत्र में स्वामी ने आरोप लगाया कि एक संवेदनशील व काफी ऊंचे सरकारी पद पर होने के बावजूद राजन अपने ‘ग्रीन कार्ड’ के नवीकरण के उद्देश्य से लिए बीच-बीच में अमेरिका की यात्राएं करते रहे हैं जो नवीनीकरण के लिए अनिवार्य है। रिजर्व बैंक गवर्नर का पद काफी ऊंचा होता है और इसके लिए देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति बिना शर्त वाली प्रतिबद्धता की जरूरत होती है।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राजन अमेरिका के डोमिनेटेड ग्रुप आफ 30 के सदस्य हैं। यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका की प्रभुत्व की स्थिति का बचाव करता है। उन्होंने कहा कि राजन द्वारा ब्याज दरों को ऊंचा रखने पर जोर देने से घरेलू लघु एवं मझोले उद्योगों में मंदी आई है। इससे न केवल उत्पादन में भारी गिरावट आई है बल्कि बड़ी संख्या में अर्द्धकुशल श्रमिक बेरोजगार भी हुए हैं। स्वामी ने इस बात का उल्लेख किया कि किस तरह जापान व पूर्वी एशिया में संकट की वजह से क्षेत्र में अमेरिका दबदबा कायम हुआ है। राजन का काम करने का तरीका भी इसी तरह का लगता है। वे बेहद ऊंची ब्याज दरों के जरिए लघु एवं मझोले उद्योगों का गला घोंटना चाहते हैं। स्वामी ने राजन पर ‘गोपनीय और संवेदनशील’ वित्तीय सूचनाएं विभिन्न लोगों को अपने शिकागो विश्वविद्यालय के असुरक्षित निजी मेल के जरिए भेजने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति बड़ी लापरवाही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी होने के बावजूद राजन भाजपा सरकार का सार्वजनिक तौर पर अपमान कर चुके हैं। राजन ने हमारी सरकार को देश में असहिष्णुता के लिए जिम्मेदार ठहराया। वाशिंगटन में उन्होंने भारत की वृद्धि दर का अपमान करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को अर्थव्यवस्था को अंधों में काना राजा कहा था। स्वामी ने कहा कि इस तरह का निंदाजनक अपमान सरकारी अधिकारियों की निगरानी के नियमों का उल्लंघन है। किसी अधिकारी को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।
स्वामी ने कहा कि सितंबर, 2013 में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने के बावजूद राजन के पास अमेरिका का ग्रीनकार्ड बना हुआ है। यह अमेरिकी नागरिकता हासिल करने का रास्ता है। इसमें यदि अमेरिका सरकार बुलाए तो व्यक्ति को वहां सेना में भी सेवाएं देने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील और काफी ऊंचे सरकारी पद पर होने के बावजूद वह हर साल अपने ग्रीन कार्ड के नवीकरण के लिए कम से कम एक दिन अमेरिका में रुकने के लिए जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजन लगातार शरिया अनुपालन वाले वित्तीय संस्थानों को अनुमति देने पर जोर देते रहे हैं जबकि रिजर्व बैंक कानून में इसका कोई प्रावधान नहीं है। स्वामी ने प्रधानमंत्री को 17 मई को लिखे पत्र में राजन को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि राजन मानसिक तौर पर पूर्ण भारतीय नहीं हैं और आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।